-नवगठित फोरम की प्रथम बैठक में कम से कम मूल्य पर इलाज की उपलब्धता पर दिया गया जोर
सेहत टाइम्स
लखनऊ। नवगठित नीमा यूनानी फ़ोरम उ प्र ने यूनानी विधा के उत्थान और देश की स्वास्थ्य व्यवस्था में यूनानी की सहभागिता पर ज़ोर देने का निश्चय करते हुए भारत की जनता को कम से कम मूल्य पर यूनानी चिकित्सा द्वारा इलाज करने का निर्णय लिया।
मीडिया प्रभारी डॉ मुबस्शिर ने प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया कि रविवार को सम्पन्न हुई फोरम की प्रथम बैठक में प्रदेश भर से आए सभी 18 मंडलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। फोरम ने फैसला लिया है कि सरकार के साथ मिलकर विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लोगों को सरल एवं सुगम चिकित्सा प्रदान करने वाले रास्तों को तलाशा जायेगा।
बैठक में अध्यक्ष डॉ शकील ने कहा की संगठन की जरूरत है कि हम लोगों की समस्याओं को जानें और उनको शासन स्तर पर हल कराने की कोशिश करें। महासचिव डॉ आई एम तब्बाब ने आधुनिक युग में मेटाबॉलिक डिसऑर्डर को यूनानी से कोरिलेट करते हुए उनको बचने के उपाय तलाशने पर जोर दिया। उन्होंने मोटापा, शुगर, फैटी लीवर अर्थराइटिस पर यूनानी चिकित्सकों को फोकस करने की सलाह दी। कोषाध्यक्ष डॉ जाहिद हुसैन ने सभी आए हुए लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस मौके पर प्रदेश भर से आए पदाधिकारियों में डॉ सलमान खालिद (चीफ़ एक्जीक्यूटिव), डॉ शकील अहमद( अध्यक्ष), डॉ तब्बाब (महासचिव), डॉ मो. जाहिद हुसैन, हाथरस (ट्रेजरर), डॉ निहाल अहमद (उपाध्यक्ष) लखनऊ, डॉ शुजा उर रहमान अलीगढ़, डॉ नसीम अहमद हाथरस, डॉ विनय दीक्षित हाथरस, डॉ सद्दाम इंसाफ हापुड़, डॉ असलम सानी अमरोहा, डॉ वसीम सैफी, डॉ फैज काजमी अमरोहा, डॉ राही, डॉ जावेद कुरैशी बरेली, डॉ नजम अली खान शाहजहांपुर, डॉ एस मुबाशशीर हसन, डॉ मुबस्सिर खान लखनऊ, डॉ एजाज अहमद प्रतापगढ़, डॉ जुबैर अहमद बहराइच, डॉ शमी अख्तर गोरखपुर, डॉ जफर अनीस देवरिया, डॉ आरिफ मिर्जापुर, डॉ मौ जफीर बिजनौर सहित अन्य कई पदाधिकारी गण उपस्थित रहे।