अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर माहवारी के दौरान सफाई, स्तन कैंसर जैसी बीमारियों के प्रति किया गया जागरूक
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट ने आज एक जागरूकता कार्यक्रम में माहवारी को लेकर समाज में फैले भ्रम को लेकर महिलाओं को जागरूक किया। कुलपति ने कहा कि नियमित माहवारी से ही महिलाओं का शारीरिक विकास होता है और इसी प्रक्रिया के माध्यम से एक महिला के मां बनने की शुरुआत होती है। माहवारी महिलाओं के लिए कोई शर्म का विषय नहीं अपितु मां बनने का सौभाग्य है। इसके साथ ही उन्होंने माहवारी के दौरान महिलाओं को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए अन्य महिलाओं को भी जागरूक करने की अपील की।
कुलपति अंतराराष्ट्रीय महिला दिवस पर विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित शताब्दी अस्पताल में इंडोक्राइन सर्जरी, रेडियोथेरेपी विभाग एवं लायंस क्लब, लखनऊ सेंचुरी से संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में कई महिला मरीज व महिला तीमारदारों ने भाग लिया। कार्यक्रम का प्रारम्भ इंडोक्राइन सर्जरी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पूजा रमाकांत द्वारा किया गया, जिन्होंने कार्यक्रम का संचालन भी किया।
प्रथम उदबोधन में राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट की इंडोक्राइन सर्जरी विभाग की डॉ रोमा प्रधान द्वारा स्तन कैंसर के स्वयं परीक्षण चिकित्सीय परीक्षण एवं मेमोग्राफी के बारे में जानकारियां दीं।
स्तन कैसर का परीक्षण खुद करें
इंडोक्राइन सर्जरी के डॉ आनन्द मिश्रा ने ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि महिलाओं में होने वाले कैंसर में सबसे ऊपर स्थान स्तन कैंसर का है। पहले गर्भाशय के मुख का कैंसर पहले स्थान पर था। उन्होंने बताया कि इसके कारणों के बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है इसलिए इससे बचने के लिए कुछ बातों का महिलाएं अवश्य ध्यान रखें। उन्होंने बताया कि माहवारी बंद होने के बाद मोटापा न बढ़ने दें। शिशु को स्तनपान अवश्य करायें।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा अपने स्तन का स्वपरीक्षण एक माह में एक बार जरूर करें। उन्होंने बताया कि जिस सप्ताह में माहवारी हो उसके 10 दिन पूर्व यह स्तनों का स्वपरीक्षण करना चाहिये। अगर उसमें कोई गांठ जैसी महसूस हो रही हो, या कोई अन्य बदलाव जैसे त्वचा में लाली, स्तनों में कड़ापन होना, स्तनों में गड्ढा बन रहा हो, निप्पल अंदर धंस रहे हों, घाव हो, निप्पल से रक्तस्राव हो और कंधें के नीचे बगल में गांठ हो तो चिकित्सक से अवश्य सम्पर्क करें।
उन्होंने कहा कि बहुत सी महिलाएं कैंसर का पता चलने पर अन्य पैथी में इलाज कराने लगती हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से क्रॉनिक रोग दूसरी पैथी में ठीक हो जाते हैं लेकिन कैंसर नहीं ठीक होता है, इसलिए इसमें समय बर्बाद न करें कयोंकि अगर एक बार कैंसर स्तन से बढ़कर आगे निकल गया तो बहुत दिक्कत बढ़ सकती है।
मुंह की साफ-सफाई बचायेगी कैंसर से
केजीएमयू के ऑर्थोडोंटिक्स विभाग की डॉ दीप्ति शास्त्री ने कहा कि मुंह की साफ-सफाई से सामान्य रोग पाइरिया से लेकर कैंसर तक से बचा जा सकता है। केजीएमयू पर्यावरण विभाग की डॉ कीर्ति श्रीवास्तव द्वारा पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए अनउपयुक्त साड़ियों से बने थैले रोगियों एवं तीमारदारों को प्रदान किए गए।
पित्त की थैली में पथरी को बहुत दिन तक नजरअंदाज न करें
पित्त की थैली के कैंसर के बारे में सर्जिकल ओंकोलॉजी विभाग के डॉ समीर गुप्ता ने बताया कि बहुत दिनों तक पित्त की थैली में पथरी को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। भविष्य में यह कैंसर का रूप ले सकता है।
पैथालॉजी विभाग की डॉ चंचल राणा ने बताया कि अब स्तन कैंसर के टुकड़े की जांच से यह बता पाना संभव है कि इसके उपचार में कौन सी दवाई कारगर सिद्ध होगी।
ऐनेस्थीसिया विभाग की डॉ शेफाली ने शल्य चिकित्सा के दौरान दिए जाने वाली बेहोशी की दवाओं के प्रभाव तथा दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी।लायंस क्लब लखनऊ सेंचुरी की डॉ रमा शंखधर ने माहवारी के दौरान साफ-सफाई के लिए महिलाओं को प्रेरित किया। लायंस क्लब लखनऊ सेंचुरी के डॉ रमाकांत ने महिलाओं से जुड़े कई रोचक कहानियां व्यावहारिक भाषा में प्रस्तुत कीं। शोभा शुक्ला ने बताया कि महिलाओं का स्वास्थ्य न्याय का विषय है जिसमें लापरवाही दंडनीय होनी चाहिए।
कर्नल डॉ सत्येन्द्र शभलोक ने बताया कि अब महिलाएं रक्षा के क्षेत्र में भी दिनों दिन प्रगति कर रहीं है और आने वाले समय में सेना के अंदर लिंग भेद के लिए कोई स्थान नहीं रहेगा।
कार्यक्रम के अंत में डॉ पूजा रमाकांत ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए अपने सहभागी रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ सुधीर सिंह को हार्दिक धन्यवाद दिया। इस अवसर पर मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ बीके ओझा, ट्रॉमा सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप तिवारी, डॉ परवेज, डॉ राजीव गुप्ता, डॉ तीर्थराज तथा डॉ श्रद्धा ने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को विभिन्न बीमारियों के बारे में जागरूक किया।