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कर्मचारियों के 14 अक्‍टूबर के धरना-प्रदर्शन की तैयारियों को परखा गया

-निजीकरण, संविदा, आउटसोर्सिंग जैसे मुद्दों पर विरोध के लिए हो रहा आंदोलन

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। निजीकरण, संविदा, आउटसोर्सिंग, 50 साल में जबरन सेवानिवृत्ति के विरोध जैसे मुद्दों को लेकर आगामी 14 अक्‍टूबर को होने वाले धरना प्रदर्शन की तैयारी को लेकर राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद द्वारा आज एक वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में तय किया गया कि धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए 13 अक्‍टूबर तक प्रदेश के राज्य कर्मचारी विभिन्न कार्यालयों में लगातार संपर्क कर जन जागरण करेंगे, कर्मचारियों से मुलाकात कर उन्हें सोशल मीडिया द्वारा भी कर्मचारियों की बात कहे जाने के लिए जागरूक किया जाएगा।

इस बैठक की जानकारी देते हुए महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि बैठक में कहा गया कि जिन मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है उनमें अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर यद्यपि सरकार की ओर से इसे लागू न किये जाने की बात कह दी गयी है, लेकिन महत्‍वपूर्ण यह है कि बीच-बीच में इस तरह का शिगूफा छोड़कर  कर्मचारियों का जो मनोबल तोड़ने का प्रयास किया जाता है, वह निंदनीय है।  हु उने कहा है कि द्वारा घोषित आंदोलन के क्रम में निजीकरण, 50 साल की उम्र अथवा 30 साल की सेवा पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति किए जाने के शिगूफा को लेकर

अतुल मिश्रा ने बताया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की आज हुई बैठक इसकी अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत ने की। बैठक में इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्रा, परिषद के संगठन प्रमुख केके सचान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश मिश्रा, परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा, प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव, उपाध्यक्ष धनंजय तिवारी, डॉ पी के सिंह, शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदार नाथ तिवारी आदि उपस्थित थे। इसमें निर्णय लिया गया कि प्रत्येक जनपदों में 14 अक्टूबर को सोशल डिस्टेंसिंग और प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करते हुए मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री को ज्ञापन का प्रेषित किया जाएगा इसके साथ ही मंडल मुख्यालयों पर एक जगह धरना न कर उसे छोटे-2 कई हिस्‍सों में किया जायेगा।

इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्रा ने कहा कि कर्मचारियों के अधिकार धीरे-धीरे कम हो रहे हैं, सरकार संविदा आउटसोर्सिंग और निजीकरण को बढ़ावा दे रही है जो आम जनता के भविष्य के लिए भी घातक है वहीं कर्मचारियों को निराश कर रही है। उनका मनोबल तोड़ने के लिए बीच-बीच में 50 साल की उम्र तक 30 साल की सेवा कर जबरन रिटायर किए जाने का प्रचार-प्रसार किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि 14 अक्टूबर के पूर्व व्यापक जन जागरण अभियान चलाया जाएगा जिसमें कर्मचारियों को जागरूक किया जाएगा। आंदोलन में सक्रिय भागीदारी किये जाने वाले कर्मचारी परेशान हैं और आंदोलन के मूड में आ गये हैं। इप्सेफ लगातार कर्तव्य दिवस, अधिकार दिवस आदि द्वारा सरकार का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास कर रहा है,  परंतु सरकार द्वारा ऐसे नए-नए प्रयास संज्ञान में आ रहे हैं जिससे कर्मचारियों को उत्साहित करने के स्थान पर उन्हें हतोत्साहित किया जा रहा है।

 हाई कमान की बैठक के  बाद परिषद की मंडलीय शाखा आजमगढ़ वाराणसी और गोरखपुर मंडल की समीक्षा की गई। हाईकमान द्वारा लिए गए निर्णय से मंडल के पदाधिकारियों को अवगत कराया गया मंडलीय पदाधिकारियों ने आश्वस्त किया कि परिषद का आंदोलन एक सफर आंदोलन होगा जिससे युवाओं को रोजगार मिले जो लोग नौकरी में हैं उनकी नौकरी सुरक्षित रहे साथ ही सभी को भरपेट भोजन मिले ऐसे बिंदुओं को लेकर आवश्यकता पड़ी तो अब बड़ा आंदोलन किया जायेगा। बैठक में सभी जनपदों के अध्यक्ष, मंत्री, मंडलीय अध्यक्ष, मंडलीय मंत्री शामिल रहे।