-इप्सेफ ने प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र
-इप्सेफ का सुझाव, 15 दिनों के लिए कर दें पूर्ण लॉकडाउन
लखनऊ। कोविड-19 के इलाज में लगे कर्मचारियों के स्वयं संक्रमित होने वालों के इलाज की कोई समुचित व्यवस्था न होने से सैकड़ों नर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड बॉय एवं सफाई कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है। उनके परिवार के लोगों की बड़ी दयनीय स्थिति हो रही है। इस बिगड़ती स्थिति को रोकने के लिए 15 दिनों का सम्पूर्ण लॉकडाउन का निर्णय लेने की आवश्यकता प्रतीत हो रही है। प्रधानमंत्री को इस पर विचार करना चाहिये।
यह जानकारी देते हुए इंडियन पब्लिक सर्विस इम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजकर कई बार आग्रह किया था परंतु इस मामले को संज्ञान में नहीं लिया गया है। कोरोना अस्पताल बनाए जा रहे हैं, वार्ड निर्धारित किए गए हैं, पर्याप्त नर्सेज एवं पैरामेडिकल स्टाफ की नियमित व्यवस्था न करके आउटसोर्सिंग कर्मियों से इलाज कराया जा रहा है, जिन्हें अनुभव ही नहीं है।
इप्सेफ द्वारा सुझाव दिया गया था कि सेवानिवृत्त हो रहे स्टाफ को फिलहाल किसी भी रूप में उनकी सेवाएं जारी रखी जाए परंतु अभी तक सुझाव को संज्ञान में नहीं लिया गया। जिससे इलाज में बाधा उत्पन्न हो रही है।
श्री मिश्रा ने बताया कि स्टाफ की कमी के कारण काम कर रहे स्टाफ को अत्याधिक लोड पड़ रहा है जिससे वे भी नाराज एवं आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि यदि ऐसी ही व्यवस्था रही तो वह भी काम बंद करने को विवश हो जाएंगे। ऐसे सेवकों को सरकार प्रोत्साहित भी नहीं कर रही है।
श्री मिश्र ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्रियों से पुनः आग्रह किया है कि अस्पतालों में अनुभवी डॉक्टरों, नर्सेज ,पैरामेडिकल स्टाफ वार्ड बॉय तथा सफाई कर्मचारियों की व्यवस्था तत्काल करें वरना बढ़ते कोरोना मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पाएगा। संक्रमण को रोकने एवं संक्रमित के इलाज की समुचित व्यवस्था करने की आवश्यकता है। इप्सेफ पूरा सहयोग कर रहा है और आगे भी करता रहेगा जिससे संक्रमण को रोका जा सके।