लखनऊ। भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान हेतु 150 सीटों का एमबीबीएस पाठ्यक्रम वर्ष 2017 से प्रारम्भ करने के लिए अपनी संस्तुति चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार को प्रेषित की है। इस सम्बन्ध में भारत सरकार की औपचारिक अनुमति शीघ्र ही प्राप्त हो जाने की सम्भावना है।
इसी सत्र से शुरू होगा प्रवेश, एम्स की तर्ज पर पाठ्यक्रम
यह जानकारी प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस की 150 सीटों का पर प्रवेश इसी सत्र से होगा, जिसके लिए भारतीय चिकित्सा परिषद ने अपनी संस्तुति प्रदान कर दी है। उन्होंने बताया कि इस संस्थान में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स, नई दिल्ली) की तर्ज पर अब स्पेशिलिटी, सुपरस्पेशिलिटी एवं एमबीबीएस के पाठ्यक्रम भी साथ-साथ संचालित होंगे।
प्रशिक्षण एवं शोध का भी मिलेगा अवसर
श्री टण्डन ने बताया कि डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ में एम्स, नई दिल्ली की भांति समस्त अवस्थापना सुविधायें उपलब्ध रहेंगी तथा कार्य की प्रक्रिया भी एम्स की भांति विकसित होगी। संस्थान में चिकित्सा छात्रों को स्पेशिलिटी, सुपरस्पेशिलिटी एवं एमबीबीएस शिक्षा उच्च स्तरीय गुणवत्ता के साथ उपलब्ध होगी तथा उन्हें प्रशिक्षण एवं शोध का भी अवसर प्राप्त होगा और रोगियों के उपचार का समुचित अनुभव भी मिलेगा।
लोहिया संस्थान और लोहिया संयुक्त चिकित्सालय का विलय शीघ्र
श्री टण्डन ने बताया कि डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान एवं डॉ. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय के आपस में विलय करते हुये संयुक्त चिकित्सा संस्थान की स्थापना सम्बन्धी औपचारिकता को शीघ्र पूरा करते हुये उसका उच्चीकरण भी किया जायेगा। संस्थान के न्यू कैम्पस में छात्रों के लिये हॉस्टल की व्यवस्था को शीघ्र ही पूरा करने की कार्यवाही की जा रही है।
संस्थान के मातृ एवं शिशु रेफरल चिकित्सालय में मिलेगी विश्वस्तरीय सुविधा
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बताया कि संस्थान के 200 शैय्या युक्त मातृ एवं शिशु रेफरल चिकित्सालय में स्त्री रोगों से सम्बन्धित आईसीयू तथा बच्चों के लिए एसआईसीयू की विश्व स्तरीय सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। संस्थान में अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने में धनाभाव की कोई कमी नहीं आने दी जायेगी। प्रदेश सरकार ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में जनता को यह नयी सौगात दी है।