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मजदूर की दिहाड़ी से भी कम वेतन पाते हैं केजीएमयू के आउटसोर्सिंग कर्मी

-कर्मचारी परिषद ने शासन को लिखा पत्र, लोहिया संस्‍थान-पीजीआई के आउटसोर्सिंग कर्मियों के बराबर वेतन देने की मांग

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की कर्मचारी यूनियन कर्मचारी परिषद ने संस्थान में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों के एक मजदूर की दिहाड़ी से भी कम मिल रहे वेतन का मसला उठाते हुए शासन से मांग की है की आउटसोर्सिंग कर्मियों को भी वेतन और सुविधाएं एनआरएचएम, एसजीपीजीआई, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के आउटसोर्सिंग कर्मियों के समान वेतन व सुविधाएं प्रदान की जाएं।

कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार और महामंत्री राजन यादव ने इस आशय का पत्र प्रमुख सचिव चि縰कित्‍सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण को लिखा है। पत्र में कहा गया है कि केजीएमयू में तीन प्रकार की व्यवस्थाओं के अंतर्गत कर्मचारियों की तैनाती की गई है, पहली प्रकार के वे कर्मचारी हैं जिनकी नियुक्ति केजीएमयू द्वारा की गई है, दूसरे प्रकार के वे कर्मचारी हैं जिनकी नियुक्ति स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई है, इन दोनों ही प्रकार के कर्मचारियों को वेतन व सुविधाएं शासन द्वारा निर्धारित व्‍यवस्‍था के अनुसार की जाती हैं, लेकिन तीसरे प्रकार के कर्मचारी, जिनकी नियुक्ति आउटसोर्सिंग से हुई है उनका वेतन प्रतिदिन कटौती के बाद मात्र 330 रुपये है, जो कि एक मजदूर की दिहाड़ी से भी कम है।

पत्र में कहा गया है कि आउटसोर्सिंग द्वारा तैनात कर्मियों के लिए कोई नियमावली केजीएमयू प्रशासन या शासन द्वारा नहीं बनाई गई है जिसकी वजह से इन कर्मियों का वर्षों से शोषण हो रहा है। पत्र में यह भी लिखा है कि‍ यहां के आउटसोर्सिंग कर्मियों को जो वेतन व सुविधाएं मिल रही है, वे पूरे देश में किसी भी सरकारी, अर्द्ध सरकारी चिकित्सा संस्थान या अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों को इतना कम वेतन और सुविधाएं नहीं दी जाती हैं।

पत्र में कहा गया है कि यह अत्यंत दुख का विषय है कि केजीएमयू प्रदेश का सबसे बड़ा चिकित्सा विश्वविद्यालय/संस्थान है, यहां हर प्रकार की गंभीर से गंभीर बीमारी के इलाज की सुविधायें मौजूद हैं, अनेक प्रकार की मशीनें आदि लगी हैं, जिन्‍हें ऑपरेट करने के लिए कुशल एवं अनुभवी मेडिकल स्टाफ की आवश्यकता होती है, किंतु केजीएमयू में कुशल एवं अनुभवी स्टाफ को अपने घर परिवार के जीवन निर्वाह के लिए पर्याप्त वेतन सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जाती हैं, जिससे केजीएमयू मात्र ट्रेनिंग सेंटर बनकर रह गया है, यहां पर आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मी यहां से अनुभव प्राप्त कर अन्य संस्थानों एवं चिकित्सालय में उच्च वेतनमान पर पलायन कर जाते हैं।

पत्र में कहा गया है कि लखनऊ में ही स्थित दो अन्य चिकित्सा संस्थान संजय गांधी पीजीआई एवं डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में तैनात आउटसोर्सिंग कर्मियों को भी केजीएमयू के आउटसोर्सिंग कर्मियों से अधिक वेतन व सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।