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सहकर्मी को श्रद्धांजलि की प्रशंसनीय मिसाल पेश की केजीएमयू नर्सिंग एसोसिएशन ने

-अकस्मात हृदयाघात के चलते मृत्यु का शिकार हुए नर्सिंग ऑफीसर के परिजनों को सहायता के लिए दिये सात लाख रुपये

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किसी की मौत के बाद उस व्यक्ति की कमी कोई भी पूरी नहीं कर सकता, लेकिन गम में डूबे परिजनों को हौसला देने के साथ ही मौत के चलते अचानक बिगड़े आर्थिक हालातों का सामना करने में सहयोग देना निश्चित रूप से एक प्रशंसनीय कार्य है। कुछ इसी तरह का प्रशंसनीय कार्य किया है केजीएमयू नर्सेज़ एसोसिएशन ने। एसोसिएशन ने अकस्मात हृदयाघात के चलते मृत्यु का शिकार होने वाले केजीएमयू के नर्सिंग ऑफिसर राजेंद्र यादव के परिवार को 7 लाख की सहयोग राशि प्रदान की है। ज्ञात हो विगत माह 23 मई को केजीएमयू के ईएनटी विभाग में तैनात राजेंद्र यादव का अकस्मात हृदयाघात से निधन हो गया था।

यह जानकारी देते हुए एसोसिएशन के संरक्षक प्रदीप गंगवार ने बताया कि 29 वर्षीय राजेन्द्र यादव अपने पीछे माता पिता, दो छोटे भाई, पत्नी एवं तीन वर्ष के बेटे को छोड़ गये है। चूंकि पूरे परिवार की ज़िम्मेदारी राजेंद्र यादव के कंधों पर ही थी। इसलिए उनके अचानक जाने से घर पर संकट का पहाड़ टूट पड़ा था। एक तरफ़ परिवार के महत्वपूर्ण सदस्य को खोने का ग़म और दूसरी तरफ़ आर्थिक संकट जैसी विपत्ति।

इस गाढ़े समय में के जी एम यू नर्सेंस एसोसिएशन ने नर्सिंग कैडर के सभी नर्सिंग अफ़सरों की मदद से छह लाख की धनराशि चेक के माध्यम से एवं एक लाख की धनराशि नकद राजेंद्र यादव के पीड़ित परिवार को दी है। यह सहायता चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुरेश कुमार के हाथों से राजेंद्र यादव की पत्नी पिंकी यादव को प्रदान की गई। इस मौके पर पत्नी के साथ राजेंद्र का छोटा भाई, साला एवं बेटा भी मौजूद था।

डॉ सुरेश कुमार एवं प्रदीप गंगवार द्वारा उनके परिवार को हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया गया एवं पत्नी को पेंशन एवं मृतक आश्रित कोटे में अविलंब नियुक्ति प्रदान करने का आश्वासन भी दिया। इस मौके पर एसोसिएशन की अध्यक्ष यदुनंदिनी सिंह, महामंत्री जितेंद्र उपाध्याय, डीएनएस-नवनीत अनिल, सुतापा बैनर्जी, सुनील, छोटी यादव, राहुल, सत्यम, लोकेश, सुंदरम इत्यादि नर्सिंग ऑफिसर उपस्थित रहे।

भारत सरकार से अनुरोध

इसी के साथ ही एसोसिएशन ने औसतन कम उम्र में लगातार हार्ट अटैक से हो रही मौतों पर चिंता जताते हुए भारत सरकार से अनुरोध किया है कि सरकार को ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए इन मौतों पर शोध कराना चाहिए ताकि इसके प्रमुख कारण का पता लगा कर इस पर लगाम लगाने की दिशा में लोगों को प्रेरित किया जा सके।

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