यातायात माह के दौरान पुलिस अधीक्षक ने महर्षि विवि में आयोजित कार्यशाला में बतायीं खास बातें

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चल रहे यातायात माह के अवसर पर पुलिस अधीक्षक यातायात पूर्णेंदु सिंह ने आज महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पहुंचकर दस्तावेजों से लेकर शारीरिक सुरक्षा तक की महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।
मिली जानकारी के अनुसार जन जागरूकता एवं सड़क सुरक्षा विषय पर कार्यशाला का आयोजन महर्षि विश्वविद्यालय द्वारा किया गया था। कार्यशाला के मुख्य वक्ता पूर्णेन्दु सिंह ने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना के मामले में घायल व्यक्ति को इलाज पहुंचाने की दृष्टि से शुरू का एक घंटा अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, इसे गोल्डन आवर भी कहते हैं, इस अवधि में अगर घायल व्यक्ति को इलाज मिल जाता है तो उसके बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है इसलिए घायल व्यक्ति को तत्काल नजदीक के अस्पताल में पहुंचाना चाहिए।

इसके अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने केंद्रीय मोटरयान नियमावली 1989 की महत्वपूर्ण धाराएं, सड़क सुरक्षा की आदतें, पर्यावरण एवं वाहन प्रदूषण, यातायात सिग्नल, वाहन के रजिस्ट्रेशन का महत्व, यातायात शिक्षा का महत्व तथा चालान से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां भी दीं। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो बीपी सिंह, कुलसचिव प्रो अखंड प्रताप सिंह के साथ ही प्रो एनके चतुर्वेदी, सपन अस्थाना, सत्येंद्र कुमार, अरविंद सक्सेना, डॉ संध्या सिन्हा, डॉ विजय कुमार, डॉ सुप्रिया अवस्थी सहित अन्य शिक्षक गण भी उपस्थित रहे।

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