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शुरुआती दौर में इलाज शुरू करने से ठीक हो जाता है कुष्‍ठ

1992 से लगातार मुफ्त सेवा कर रहे हैं डॉ विवेक कुमार

लखनऊ। कुष्ठ रोग का इलाज शुरुआती दौर में शुरु हो जाने पर ठीक हो जाता है, लेकिन लापरवाही के चलते व देर होने से मरीज के अंग जैसे हाथ, पैर की उंगलियां आदि गलकर गिर जाती हैं। कई मरीजों की आंख की रोशनी भी चली जाती है।

 

यह जानकारी चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ विवेक कुमार ने गुरुवार 7 मार्च को मोहनलालगंज के ज्योति नगर में कुष्ठ रोग के मरीजों की पहचान व उनके उपचार के लिए आयोजित मिशनरीज चैरिटी, लैपरोसी सेंटर में मेगा कैम्प के दौरान कही।  कैम्प में  137  मरीजों का पंजीकरण किया गया। शिविर में आये हुए मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर निःशुल्क दवाएं वितरित करने के साथ नाश्ता भी दिया गया। इस कैम्प में सम्भावित कुष्ठ रोग के मरीजों की पहचान हुई। इन मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण व अन्य जांचे करवाई जा रही हैं। कैम्प का उद्घाटन एक बार फिर किसी राजनितिक प्रतिनिधि या अधिकारी से न करवाकर अपना उपचार करवा रहे कुष्ठ रोग से पीड़ित मरीज  सुदामा व लक्ष्मन के हाथों करवा कर एक मिसाल पेश की गई। जहां विगत कई वर्षो से लगातार मुफ्त उपचार करवा रहे उन मरीजों को जब मुख्य अतिथि बनाकर उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट किया गया तो उन मरीजों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक आए।

 

क्षेत्र से कुष्ठ रोग मिटाने का लिया संकल्प 

 

डाक्टर विवेक कुमार सप्ताह में दो दिन सोमवार व गुरुवार को ज्योति नगर में (सन् 1992 से) लगातार 26 वर्षों से चर्मरोग के मरीजों का निःशुल्क उपचार व दवाएं वितरित करते चले आ रहें है। डॉ विवेक ने अब क्षेत्र से कुष्ठ रोग मिटाने का संकल्प किया है। जिसके लिए इस तरह के कैम्प का आयोजन करने के साथ ही भविष्य में लगातार कैम्प लगाने का संकल्प लिया है।

उन्‍होंने कहा कि क्षेत्र में कुष्ठ रोग के मरीजों के इलाज के लिए इस तरह के कैम्प को आयोजित कर क्षेत्र से कुष्ठ के रोग को समाप्त करने के लिए मिशन शुरु किया गया है और कुष्ठ की बीमारी को क्षेत्र से पूरी तरह समाप्त करने के संकल्प के साथ अभियान की शुरुआत की गई हैं। इस मौके पर हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डाक्टर अंकित कपूर, नरेंद्र कुमार, ममता कुमार  व वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय, निजी कंपनी दवा प्रतिनिधि रूपांकर, अनुज सिंह, यश गुप्ता व आदर्श मौजूद रहे।

 

कुष्ठ के साथ अन्य मरीजों के लिए अभियान से जुड़ने की अपील

 

डॉ विवेक आलमबाग में अपनी क्लीनिक चलाते हैं लेकिन अपनी क्लीनिक पर मरीजों का उपचार करने से पहले सप्ताह में पांच दिन वह अपने दिन की शुरुआत गरीब मरीजों का निःशुल्क उपचार करने के साथ करते हैं। वह दो दिन ज्योति नगर व 3 दिन हरविलास बाल चिकित्सालय चारबाग में अपनी सेवा मुफ्त देते हैं। उन्होंने कहा कि वह सेवा भाव अपने पिता पद्मश्री (मरणोपरांत) रामकृष्‍ण से सीखा। उन्होंने देश के अन्य डॉक्टरों से इस अभियान में जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि सभी डाक्टरों को एक-एक गांव गोद ले लेना चाहिए और सप्ताह में सिर्फ एक दिन एक घंटा गांव में जाकर गरीब मरीजों का निःशुल्क उपचार करें जिससे गांव के गरीब मरीजों को उपचार मिल सके।

 

 

क्लीनिक पर भी मिल रहा मुफ्त इलाज  

 

 

डॉ विवेक कुमार ने बताया कि आलमबाग क्लीनिक पर भी कुष्ठ रोग के मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विगत कुछ महीनों में क्लीनिक पर लगभग 28 कुष्ठ रोग के मरीजों की पहचान की गई है। ऐसे मरीजों से फीस आधी लिये जाने के साथ उनको दवाएं निःशुल्क दी जा रही है। ऐसे मरीजों को प्रत्येक माह में दो बार देखा जा रहा है।

दान पात्र से भी जुटा रहे कुष्ठ रोगियों के लिए मदद

डॉ विवेक ने अपनी क्लीनिक पर दो तरह के दान पात्र लगा रखे हैं। क्लीनिक पर आने वाले मरीजों से एक रुपये का दान वह पात्र में करवाते हैं। साथ ही कुष्ठ रोग की पहचान वाले मरीजों से जो आधी फीस लेते हैं उसे वह सदभावना लैपरोसी मिशन के तहत इकट्ठा कर उन रुपयों से कुष्ठ के मरीजों को निःशुल्क दवाएं वितरित करते हैं। साथ ही उन रुपयों से लैपरोसी सेंटरों पर भी मरीजों को दवाएं पहुंचाने का काम करते हैं।

 

 

कुष्ठ रोगियों के प्रति रखे सेवा भाव

 

डॉ साहब ने लोगों से इस कैम्प से जुड़ने में अपील की कि वे कुष्ठ रोगियों के प्रति सेवा भाव रखें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कुष्ठ रोगियो की सेवा करके यह साबित कर दिया था कि इस रोग से पीड़ित लोगों की सेवा व देखभाल करने से कुष्ठ रोग नहीं फैलता है।