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मणिपुर जैसी घटनाओं से होने वाले मा‍नसिक स्वास्थ्य पर असर को दिखाया नुक्‍कड़ नाटक में

-नूरमंजिल मनोरोग केंद्र पर जागरूकता के लिए ‘महिलाओं पर मानसिक और शारीरिक अत्याचार’ विषय पर कार्यक्रम

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। यहां स्थित नूर मंजिल मनोरोग केंद्र लालबाग के क्लीनिकल मनोविज्ञान विभाग के प्रशिक्षुओं ने मरीजों और उनके परिवार के सदस्यों के सामने महिलाओं पर मानसिक और शारीरिक अत्याचार विषय पर एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। इस नाटक के माध्‍यम से दिखाया गया कि ऐसी घटनाओं का पीडि़ता के मन मस्तिष्‍क पर क्‍या असर पड़ता है, और उसे किस प्रकार के व्‍यवहार की आवश्‍यकता होती है।

यह जानकारी देते हुए मनोरोग केंद्र की वरिष्ठ नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ अंजली गुप्ता ने बताया कि इस नाटक में सदियों से महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और हाल ही में मणिपुर में हुई हिंसा को दर्शाया गया। डॉ अंजलि ने बताया कि‍ महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्‍यवहार और अत्याचार से महिलाएं किस तरह डरी सहमी और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है इसे भी नाटक के माध्यम से बताया गया है। डॉ अंजलि ने कहा कि सदियों पहले महाभारत में द्रौपदी के साथ भी यही घटना घटी थी, उसकी इज्जत लूटी जा रही थी और सभी लोग, चाहे समाज के हों या उसके रिश्तेदार, खड़े होकर देख रहे थे, किसी ने भी उसकी इज्जत के लिए आवाज नहीं उठाई।

डॉ अंजली कहती हैं कि आज समाज उसी काल का समाज बन गया है जिसमें लोगों को महिलाओं की अस्मिता की कोई परवाह नहीं है। डॉ अंजलि बताती हैं कि‍ ऐसी घटनाएं एक महिला के मानसिक स्वास्थ्य को नष्ट कर देती हैं और उसे अंधकार और दुख की ओर ले जाती हैं और यदि घटना का खुलासा परिवार में नहीं किया जाता है या परिवार के सदस्य पीड़िता का समर्थन नहीं करते हैं तो पीड़िता का दुख उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित कर सकता है। वह कहती हैं कि मानसिक स्वास्थ्य कैसे प्रभावित होता है कोई भी उनके आघात को नहीं समझता है यही इस नुक्कड़ नाटक में दर्शाया गया है। डॉ अंजलि कहती हैं कि अब समय आ गया है कि आप अपनी आंखें खोलें और शारीरिक और मानसिक हिंसा को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएं और समाज में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठायें, चाहे पीडि़ता आपकी रिश्‍तेदार हो अथवा नहीं।

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