अपनी मांगों के पोस्टर लेकर सड़क पर भी उतरे चिकित्सक, जोरदार नारेबाजी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी आज चिकित्सा सेवायें चरमरा गयीं। अपने-अपने संस्थानों में ओपीडी सेवायें बंद करने वाले चिकित्सकों के कदमों को कड़ी धूप भी नहीं रोक सकी, महिला और पुरुष चिकित्सकों ने सड़क पर उतर कर भी जोरदार नारेबाजी से अपनी आवाज बुलंद कर जिम्मेदारों को जगाया। जोशीले नारे लगाने वाले इन डॉक्टरों में वयोवृद्ध करीब 80 वर्ष से ज्यादा आयु वाले डॉ एएम खान भी थे तो अंडर- 30 नौजवान डॉ प्रांजल अग्रवाल भी शामिल थे।
जोशीले नारेबाजी में महिला चिकित्सक भी नहीं रहीं पीछे देखें वीडियो
मरीजों की परेशानी पर भारी पड़ा डॉक्टरों में असुरक्षा का अहसास
इन चिकित्सकों को हड़ताल के कारण मरीजों को होने वाली परेशानियों का अहसास तो था लेकिन उस अहसास पर अपनी सुरक्षा भारी पड़ रही थी। इनका कहना था कि यह एक बार का मामला नहीं है, ऐसा अक्सर होता ही रहता है, ऐसे में डॉक्टर इलाज आखिर कैसे करे, गंभीर मरीज को देखने से पहले सौ बार दिमाग में बात आती रहती है कि ऐसा न हो कुछ अप्रिय हुआ तो परिजन हमला न कर दें। ऐसी स्थिति में अगर हम गंभीर मरीज देखना बंद करने पर मजबूर हो जायें तो वह ज्यादा अच्छा है, या फिर मजबूर होकर हड़ताल कर अपनी सुरक्षा की जायज मांग करना। इन चिकित्सकों ने कहा वैसे भी इमरजेंसी सेवाओं को हड़ताल से अलग रखा गया है।
आपको बता दें कि कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में पिछले सोमवार को हुई जूनियर डॉक्टरों की पिटाई की घटना के विरोध में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पूरे देश में अपने डॉक्टरों को आज यानी 17 जून की सुबह 6:00 बजे से 18 जून की सुबह 6:00 बजे तक इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर पूर्ण हड़ताल का आह्वान कर रखा है। इसका खासा असर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी दिखा।
देखिये नारेबाजी का वीडियो
सुबह 6 बजे से ओपीडी सेवायें बंद करने के बाद पूर्वान्ह करीब 11 बजे आईएमए से जुड़े पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में सदस्य यहां रिवर बैंक कॉलोनी स्थित आइए भवन पर आईएमए भवन पर इकट्ठा हुए। इन डॉक्टरों ने जमकर नारेबाजी की। इन डॉक्टरों में महिला डॉक्टरों की संख्या भी अच्छी खासी थी। इसके बाद ये सभी डॉक्टर मार्च निकालते हुए सड़क पर भी उतरे। ये डॉक्टर अपने हाथों में विभिन्न प्रकार के स्लोगन वाली तख्तियां लिए हुए थे।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांग थी कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बने, राज्य सरकार भी डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए बना मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट-2013 को प्रभावी ढंग से लागू करे तथा पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हमला करने वालों को गिरफ्तार किया जाये।
यहां उपस्थित होने वाले डॉक्टरों में यूपी आईएमए के अध्यक्ष डॉ एएम खान, आईएमए महिला विंग यूपी की अध्यक्ष डॉ रुखसाना खान, आईएमए लखनऊ के अध्यक्ष डॉ जीपी सिंह, पूर्व अध्यक्ष डॉ पीके गुप्त, डॉ रमा श्रीवास्तव, डॉ चन्द्रावती, डॉ मंजू शुक्ला, डॉ जेडी रावत, डॉ एससी श्रीवास्तव, डॉ अनूप अग्रवाल, डॉ एस निरंजन, डॉ सुमित सेठ, डॉ हेम प्रभा, डॉ सुनीता चंद्रा, डॉ उपशम गोयल, डॉ प्रांजल अग्रवाल, डॉ राकेश गुप्त, डॉ अलीम मोहम्मद सिद्दीकी, डॉ संजय श्रीवास्तव, डॉ शाश्वत सक्सेना, डॉ मनोज अस्थाना, डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव समेत दर्जनों चिकित्सक शामिल थे।