-रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज़ इन इंडिया ने मनाया विश्व मधुमेह दिवस
-सुबह डायबिटीज वॉक, शाम को नीली रोशनी से नहाये रूमी गेट पर आयोजित हुई सीएमई
सेहत टाइम्स
लखनऊ। विश्व मधुमेह दिवस पर रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज़ इन इंडिया उत्तर प्रदेश चैप्टर के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने कहा है कि मधुमेह का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। कोविड महामारी के दौरान हमने डायबिटीज के कारण बढ़ी मृत्यु दर और मधुमेह जनित विभीषिका को देखा, इस महामारी पर अंकुश लगाना है तो शिक्षा एक कारगर उपाय साबित हो सकती है, अत्यधिक भीड़ के कारण ओपीडी में स्वास्थ्य संबंधित जानकारी देना संभव नहीं है, ऐसे में डायबिटीज़ एजुकेटर, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स इस संदर्भ में महती भूमिका निभा सकते हैं, डायबिटीज के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
यह जानकारी देते हुए रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज़ इन इंडिया उत्तर प्रदेश चैप्टर के सचिव डॉ अजय तिवारी ने कहा कि मोटापा एक मुख्य कारण है, उन्होंने कहा कि अच्छा होगा कि अपनी हाइट से कमर की माप आधी से ज्यादा न होने दें। उन्होंने बताया कि आज के कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने कहा कि टाइप टू डायबिटीज से प्रभावित होने वालों की आयु सीमा घटती जा रही है, अब किशोर भी इस की चपेट में आ रहे है। हमें आज के किशोर पर गंभीरता से कार्य करना होगा। स्कूल हेल्थ प्रोग्राम इसमें अहम भूमिका अदा कर सकते हैं, जंक फूड, कोला, लंबे समय तक कंप्यूटर टेलीविजन के सामने बैठना, तनाव, कम उम्र में लोगों को डायबिटीज की चपेट में ले रहा है किशोरों को स्वस्थ जीवन शैली से परिचित कराना तथा उन्हें आगाह करना कि आज की लापरवाही उनके लिए कैसे आगे चल कर मुसीबत बनेगी। आने वाली पीढ़ी पर काम कर ही हम Education to Protect Tomorrow की थीम पर निहित लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। विशेषज्ञों ने कहा कि सोशल मीडिया, प्रेस व टेक्नोलॉजी का सहारा ले कर आम जन से संवाद, डायबिटीज से संबंधित समाज में फैली भ्रांतियों के निराकरण के लिए महती भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने बताया कि विश्व मधुमेह दिवस पर “डायबिटीज एक संवाद” थीम पर प्रदेश भर में डायबिटीज शिक्षा के 100 से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित हुए, मुख्य कार्यक्रम लखनऊ में हुआ ,जिसमे प्रातः 6.30 बजे “आइए चलें और डायबिटीज पे चर्चा करें” आयोजित हुआ, जिसमें उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक मुख्य अतिथि रहे,उन्होंने झंडी दिखाकर डायबिटीज वॉक को रवाना किया, रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज़ इन इंडिया के चेयरमैन प्रो अनुज माहेश्वरी ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह दिया।
उन्होंने बताया कि शाम को हर साल की भांति रूमी दरवाजा, जो लखनऊ की पहचान है, को नीली रोशनी से प्रकाशित किया गया, इस प्रयास के द्वारा हमने इंटरनेशनल डायबिटीज़ एसोसिएशन द्वारा विश्व की ऐतिहासिक धरोहरों को नीली रोशनी से प्रकाशित करने की मुहिम में शामिल होकर डायबिटीज के विरुद्ध इस अंतरराष्ट्रीय मुहिम के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
डॉ अजय ने बताया कि इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संयुक्ता भाटिया, मेयर लखनऊ व विशिष्ट अतिथि अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो संजीव मिश्र थे। इसके बाद चिकित्सकों के लिए एक सतत शिक्षा कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमे केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी मुख्य अतिथि रहे। रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज़ इन इंडिया उत्तर प्रदेश शाखा के चेयरमैन प्रो अनुज माहेश्वरी ने बताया कि डायबिटीज का मतलब केवल शुगर का नियंत्रण ही नही है, आज हम डायबिटीज के कारण गुर्दे और दिल की जटिलताओं पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं क्योंकि वो डायबिटीज के मरीजों में मृत्यु का मुख्य कारण हैं
अक्सर देखा जाता है की मरीज डायबिटीज की दवाई के अलावा कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर की दवाइयां खुद से खाना बंद कर देते हैं, जो नुकसानदायक हो सकता है। एक शुगर की जांच से दवाई को खुद से घटना-बढ़ाना नुकसानदायक हो सकता है, hba1c की जांच जो तीन महीने के शुगर नियंत्रण को बताती है, शुगर नियंत्रण देखने का सबसे प्रामाणिक तरीका है।
भोजन थोड़ा-थोड़ा कई बार करें
रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज़ इन इंडिया उत्तर प्रदेश शाखा के पूर्व सचिव व वर्तमान कोषाध्यक्ष प्रो नरसिंह वर्मा ने बताया कि मधुमेह पर विजय का एक ही मंत्र है वह है उससे मित्रता। उन्होंने कहा कि मधुमेही भी स्वस्थ सुखी जीवन जी सकते हैं केवल अपनी जीवन शैली में परिवर्तन करें, रात्रि का भोजन जल्दी कर लें तथा रात्रि में जल्दी सो जाएं, भोजन थोड़ा-थोड़ा कई बार और उसमें 85 प्रतिशत सलाद फल सूप दही दाल हो, कम से कम 30 मिनट परिश्रम करें।
बचने के लिए अपनायें स्वस्थ जीवन शैली
रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज़ इन इंडिया उत्तर प्रदेश शाखा के सचिव डॉ अजय तिवारी ने बताया Type 2 diabetes को होने से बचाया जा सकता है। इसके लिए आवश्यकता है एक स्वस्थ जीवन शैली की, इसके अंतर्गत भोजन में मोटे अनाज, फलों-सब्जियों का ज्यादा प्रयोग ज्यादा करें, जंक फूड का प्रयोग कम से कम करें, नियमित व्यायाम कम से कम 30 मिनट हफ्ते में 5 दिन तेज कदम से चलें, तनाव कम करें, योग और ध्यान अच्छा परिणाम दे सकते हैं। लम्बे समय तक न बैठें, काम के बीच में हल्की एक्टिविटी वाले ब्रेक लें। पेट का मोटापा इसका मुख्य कारक है, अपने कमर की माप को अपनी हाइट की माप से आधे से ऊपर न जाने दें।