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अगर आप तनाव में हैं तो इस तरह रखें खानपान का ध्‍यान

सेहत की रसोई : तनाव दूर करने में मददगार खाद्य पदार्थों के बारे में बता रही हैं केजीएमयू की चीफ डाइटीशियन सुनीता सक्‍सेना

सुनीता सक्सेना

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। आजकल की भागमभाग जिंदगी में जितना कठिन दूसरों को खुश रखना है उतना ही कठिन खुद भी खुश रहना है। इच्छाएं, आकांक्षाएं, जरूरतें, जिम्मेदारियां पूरी करते-करते जिंदगी गुजरती चली जाती है लेकिन इनकी पूर्ति फिर भी नहीं हो पाती। इन बातों का नतीजा तनाव के रूप में सामने आता है जो कि व्यक्ति की स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है।

तनाव को दूर करने के लिए जहां चिकित्सक की सलाह जरूरी है वहीं खानपान का चुनाव करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की चीफ डाइटीशियन सुनीता सक्सेना ने तनावग्रस्त व्यक्ति के खाने योग्य वस्तुओं के बारे में ‘सेहत टाइम्‍स’ को विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि खानपान से संबंधित आदतों में यदि सुधार किया जाए तो व्यक्ति काफी हद तक परिस्थितियों से सामना करके तनाव को दूर कर सकता है और खुशियां हासिल कर सकता है।

सुनीता सक्सेना बताती हैं कि‍ तनाव का संबंध सीधे तंत्रिका तंत्र से होता है, इसलिए तंत्रिका क्षेत्र सुचारु रूप से कार्य करें, इसके लिए आहार में विटामिन बी युक्त भोजन जैसे सभी प्रकार के अनाज, छिलके वाली दालें, अंडा, सूखे मेवे, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि का सेवन जरूर करना चाहिए। उन्होंने बताया इसी प्रकार विटामिन सी भी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, चूंकि तनाव की स्थिति में प्रतिरोधक क्षमता का ह्रास होने लगता है, इसलिए विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ आंवला, अमरूद, टमाटर, हरी मिर्च, नींबू, पत्‍तेदार सब्जी अपने खाने में शामिल करें ताकि प्रतिरोधक क्षमता कम न हो पाए।

सुनीता बताती हैं कि इसके अतिरिक्त कुछ खनिज लवण मैग्निशियम, कैल्शियम जो शरीर की मांसपेशियों की सक्रियता बढ़ाते हैं, इनमें कमी होने पर तनाव की स्थिति हो जाती है इसलिए इन खनिज लवणों का भोजन में होना बहुत आवश्यक है। ये खनिज लवण सूखे फल, छिलके वाले तिल, डेयरी उत्पाद, अंजीर, रेड मीट, सूरजमुखी के बीज, अंकुरित मूंग, चना, अनाज में पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि अत्यधिक चाय, कॉफी, अल्कोहल, धूम्रपान, तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करके कमजोर बना देते हैं जिसके कारण छोटी-छोटी बातों पर व्यक्ति को तनाव होने लगता है। उन्होंने बताया कि इन खाद्य पदार्थों की जगह सादा या नींबू पानी, मट्ठा, दही का प्रयोग करें ताकि घबराहट, अनिद्रा व सिरदर्द जैसी शिकायतों से दूर रहकर तनाव को नियंत्रित किया जा सके।

सुनीता सक्‍सेना ने बताया कि सोच सकारात्मक एवं आशावादी रखें, नकारात्मक सोच भी हमेशा तनाव बढ़ाती है। सुनीता बताती हैं कि तनाव का संबंध पाचन क्रिया पर भी निर्भर करता है। स्वस्थ पाचन प्रणाली के लिए भोजन हमेशा सही समय पर खूब चबा-चबा कर आराम से खाएं ताकि पाचन क्रिया स्वस्थ रहे। सुनीता ने बताया कि स्वस्थ खानपान के साथ-साथ तनाव को दूर करने में योगा, ध्यान, व्यायाम एवं मधुर संगीत बहुत मददगार साबित होते हैं ऐसी स्थिति में इन चीजों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।