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अब बिजली आपूर्ति में बाधा समय से दूर न हुई तो उपभोक्‍ताओं को मिलेगा मुआवजा

स्‍टैन्‍डर्ड ऑफ परफॉर्मेन्‍स रेगुलेशन 2019 कानून लागू करने वाला पहला राज्‍य बना उत्‍तर प्रदेश

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्‍य बन गया है जहां स्‍टैन्‍डर्ड ऑफ परफॉर्मेन्‍स रेगुलेशन 2019 कानून लागू कर दिया गया है। विद्युत नियामक आयोग इस कानून को लागू करवायेगा। इस कानून के तहत अब उपभोक्ताओं को हर व्यवधान/समस्या पर समय से उपभोक्ता सेवा न करने पर अब मुआवजा दिया जायेगा। उत्‍तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग जारी कानून स्टैन्डर्ड ऑफ परफार्मेन्स रेगुलेशन 2019 की सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के बाद यह कानून पूरे प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष व राज्‍य सलाहकार समिति के सदस्‍य अवधेश वर्मा ने नियामक आयोग चेयरमैन आर पी सिंह से मिलकर उपभोक्ताओं की तरफ से उन्‍हें धन्यवाद दिया है।

यह जानकारी देते हुए अवधेश वर्मा ने बताया कि नियामक आयोग चेयरमैन ने आश्वासन दिया है कि इस कानून को लागू कराने के लिए सतत मॉनीटरिंग करते हुए ट्रेनिंग दी जायेगी, जिससे इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ता ले सकें। उ0प्र0 विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं जैसे ब्रेक डाउन, केबिल फाल्ट, ट्रांसफार्मर, नया कनेक्शन, मीटर रीडिंग, लोड घटना बढ़ाना व अन्य मामले जिनके लिए विद्युत वितरण संहिता 2005/आज जारी नये कानून में एक नियत समय तय है पर समय से काम न करने पर विद्युत उपभोक्ताओं के लिए नया स्टैन्डर्ड आफ परफार्मेन्स रेगुलेशन 2019 पर उ0 प्र0 शासन द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गयी है। आयोग द्वारा जारी इस कानून में प्राविधानित है कि मुआवजा की राशि विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों/(एआरआर) में शामिल नही होगी।

अवधेश कुमार वर्मा ने कहा यह प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की बड़ी जीत है काफी लम्बे समय से उपभोक्ता परिषद इसकी लड़ाई लड रहा था और अब जब कानून लागू करने की अधिसूचना जारी हो गयी है तो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं में खुशी की लहर है। अब वह दिन दूर नही जब बिजली कम्पनियों की जवाबदेही बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को तय समय पर सेवा न देने पर मुआवजा भी मिलेगा। बिजली कम्पनियों को उपभोक्ताओं को दिया जाने वाला जो मुआवजा आयोग द्वारा लागू किया गया है मुख्य मामलो में वह निम्नवत है।

                 उपभोक्ता समस्या                                                          दोष के मामले में मुआवजा

  • अण्डरग्राउन्ड केबिल ब्रेकडाउन के लिए                                              100 रुपये प्रतिदिन
  • सब-स्टेशन का निर्माण बाधित होने की स्थिति में वोल्टेज विचलन      रू0 250 प्रतिदिन
  • नया कनेक्शन वितरण मेन्स उपलब्धता पर                                      रू0 50 प्रतिदिन
  • मीटर रीडिंग के मामले                                                                     रू0 200 प्रतिदिन
  • डिफेक्टिव मीटर / सामान्य फ्यूज आफ                                             रू0 50 प्रतिदिन
  • बिलिंग शिकायत/भार में कमी/आधिक्य                                           रू0 50 प्रतिदिन
  • श्रेणी परिवर्ततन                                                                               रू0 50 प्रतिदिन
  • ट्रांसफार्मर फेल ग्रामीण                                                                     रू0 150 प्रतिदिन
  • अस्थायी कनेक्शन का निर्गमन                                                        रू0 100 प्रतिदिन
  • विद्युत आपूर्ति बढाने हेतु सबस्टेशन की स्थापना                              रू0 500 प्रतिदिन
  • काल सेन्टर द्वारा रिस्पान्स न दिया जाना                                         रू0 50 प्रतिदिन
  • फर्जी अवशेषों को आगे ले जाना                                                         रू0 100 प्रति चक्र
  • नया कनेक्शन/अतिरिक्त भार जहां आपूर्ति नेटवर्क विस्तार               रू0 250 प्रति दिन
  • ओवरहेड लाइन/केबिल ब्रेकडाउन                                                     रू0 100 प्रति दिन
  • उपभोक्ता विनियम के अनुसार मासिक आधाार पर  घोषित आपूर्ति प्रथम श्रेणी शहर                                                                                                               रू0 20 प्रति किलोवाट
  • शहरी                                                                                           रू0 20 प्रति किलोवाट
  • ग्रामीण                                                                                       रू0 10 प्रतिकिलोवाट

अवधेश वर्मा ने कहा कि इस नियम में यह भी व्यवस्था है कि उपभोक्ताओं को अधिकतम 60 दिन में मुआवजा मिल जायेगा। आयोग द्वारा जारी कानून में उपभोक्ता को एक वित्तीय वर्ष में उसके फिक्स चार्ज/डिमाण्ड चार्ज के 30 प्रतिशत से अधिक का मुआवजा नहीं दिया जायेगा। उदाहरण के तौर पर जैसे 1 किलोवाट का उपभोक्ता यदि महीने में रुपये 100 प्रतिकिलोवाट फिक्स चार्ज देता है तो उसका पूरे साल का फिक्स चार्ज रू0 1200 हुआ तो उसे अधिकतम एक वित्तीय वर्ष में रुपये 360 का मुआवजा ही मिलेगा।