Saturday , November 23 2024

उपचार करने वाला ही अगर हो जाये बीमार तो इलाज करेगा कौन ?

सरकारी से लेकर प्राइवेट अस्‍पतालों-नर्सिंग होम्‍स में हॉस्पिटल एक्‍वॉयर्ड इन्‍फेक्‍शन ऱोकने की पहल

हॉस्पिटल इन्‍फेक्‍शन सोसाइटी ऑफ इंडिया के उत्‍तर प्रदेश में लखनऊ चैप्‍टर की शुरुआत

पांच पदाधिकारियों के साथ हुई सोसाइटी की लखनऊ इकाई की शुरुआत, पांचों संजय गांधी पीजीआई में प्रोफेसर

लखनऊ। इलाज करने वाला ही जब बीमार हो जाता है तो फि‍र उसके साथ-साथ मरीजों के लिए भी मुश्किलें पैदा हो जाती है। अस्‍पतालों में संक्रमण एक बड़ी समस्‍या है, इस समस्‍या के शिकार जहां दूसरे मरीज होते हैं, वहीं रोगी के उपचार में सक्रिय रहने वाले चिकित्‍सक और पैरामेडिकल स्‍टाफ भी संक्रमण के खतरे के बीच रहता है। इस संक्रमण से बचने और इस स्थिति को रोकने के लिए देश में हॉस्पिटल इन्‍फेक्‍शन सोसाइटी ऑफ इंडिया कार्य कर रही है, इस सोसाइटी के लखनऊ चैप्‍टर की शुरुआत शनिवार को लखनऊ में भी हो गयी है।

 

संजय गांधी पीजीआई में शनिवार को आयोजित एक समारोह में मुख्‍य अतिथि एसजीपीजीआई के मुख्‍य चिकित्‍सा अधीक्षक डॉ अमित अग्रवाल, पूर्व डीन व लिवर ट्रांसप्‍लांट विभाग के विभागाध्‍यक्ष डॉ राजन सक्‍सेना, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के विशेषज्ञ डॉ अनुज शर्मा के साथ ही दिल्‍ली से आये हॉस्पिटल इन्‍फेक्‍शन सोसाइटी ऑफ इंडिया के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डॉ रमन सरदाना ने अपने विचार रखे।

उन्‍होंने बताया कि नवगठित लखनऊ चैप्‍टर में अध्‍यक्ष डॉ ॠचा मिश्रा, सचिव डॉ राजेश हर्षवर्धन, डॉ सबा रत्‍मन, डॉ अफजल अजीम और डॉ रुद्राशीष हलदर के रूप में पांच पदाधिकारियों का चुनाव किया गया है। ये पांचों पदाधिकारी संजय गांधी पीजीआई में प्रोफेसर हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए सचिव डॉ राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि नवगठित इकाई लखनऊ के सरकारी, निजी, कॉरपोरेट हॉस्पिटल, नर्सिंग होम आदि को अस्‍पताल में होने वाले हॉस्पिटल एक्‍वॉयर्ड इन्‍फेक्‍शन (एचएआई) को रोकने की दिशा में जागरूकता, सलाह जैसे कार्यक्रम करेगी।

 

डॉ राजेश ने बताया कि उदाहरण के लिए अगर अस्‍पताल में टीबी का मरीज आता है तो टीबी के संक्रमण का खतरा दूसरे मरीजों में, डॉक्‍टरों में, नर्सों में या अन्‍य स्‍टाफ में फैलने का डर बना रहता है। ऐसे में जो प्रोटोकॉल बना हुआ हैं उनके बारे में जानकारी देने, जागरूक करने की दिशा में हमारी सोसाइटी कार्य करती है।