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सेंट्रल मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट बन जाये तो राज्यों को पृथक एक्ट बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी : डॉ शरद अग्रवाल

प्रथम आईएमए यूपी हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ़ इंडिया कॉन्फ्रेंस 2024 में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ शरद अग्रवाल ने व्यक्त किये विचार

सेहत टाइम्स

लखनऊ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ शरद अग्रवाल ने राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट बनाए जाने की आवश्यकता बताई है उन्होंने कहा कि हालांकि कई राज्यों में प्रदेश स्तर पर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट है लेकिन चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए राज्य के बजाय एक केंद्रीय कानून आवश्यक है। राष्ट्रीय स्तर पर इस एक्ट के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा हुआ है। उन्होंने कहा कि पूरी निष्ठा के साथ कार्य करने के बावजूद कुछ लोग चिकित्सकों के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं, ऐसे मामलों में कठोर कानून बनाकर कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की जानकारी थाना स्तर तक दिए जाने पर जोर दिया जिससे कोई घटना होने पर पुलिस को कार्रवाई करने में आसानी हो।

डॉ शरद अग्रवाल ने यह बात रविवार को मेरठ में आयोजित प्रथम आईएमए यूपी हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ़ इंडिया कॉन्फ्रेंस 2024 (यूपीएचबीआईकॉन-2024) का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में कही। उन्होंने कहा कि आईएमए यूपी हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ़ इंडिया के गठन के बाद उतर प्रदेश में यह पहली कॉन्फ्रेंस हो रही है। इस कांफ्रेंस का उद्देश्य अस्पताल से संबंधित समस्याओं, उसकी मान्यता, विभिन्न प्रकार के इंश्योरेंस तथा चिकित्सा कानून के बारे में आई एम ए सदस्यों को जानकारी देना था। इस कांफ्रेंस में प्रदेश तथा राष्ट्रीय स्तर के चिकित्सकों एवं कानूनी विशेषज्ञों ने व्याख्यान प्रस्तुत किये।

कब तक सुरक्षित रखना चाहिए इलाज का रिकॉर्ड

डॉ शरद अग्रवाल ने सेहत टाइम्स को बताया कि कॉन्फ्रेंस में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के बारे में एडवोकेट सिद्धार्थ जैन ने बताया साथी मरीज के इलाज से संबंधित रिकार्ड को किस प्रकार और कितने समय तक के लिए रखना होता है इसकी विस्तृत जानकारी मेरे को लीगल एक्सपर्ट डॉ ऋषि भाटिया ने देते हुए कहा कि मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत चिकित्सक को बच्चों के इलाज का रिकॉर्ड उसके बालिग होने तक तथा मेडिको लीगल केस में ताउम्र सुरक्षित रखना होता है। यूपी हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष डॉ शलभ गुप्ता ने एचबीआई के महत्व के बारे में बताया। सदस्यों को एचबीआई के सदस्य बनने के लाभों और एचबीआई की भूमिका के बारे में अवगत कराया गया। आईएमए यूपी में केवल दो वर्षों में एचबीआई के 350 सदस्य हैं। इस सम्मेलन में लगभग ढाई सौ चिकित्सक शामिल हुए। समारोह का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ।

जिन चिकित्सकों ने सम्मेलन में हिस्सा लिया उनमें डॉ शरद अग्रवाल और डॉ शलभ गुप्ता के अतिरिक्त मुख्य रूप से आई एम ए उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ एम एम पालीवाल, सचिव डॉ शिशिर जैन, डॉ आनंद प्रकाश कोऑर्डिनेटर आई एम ए उत्तर प्रदेश, डॉ विजय सिंह ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी, डॉक्टर पीयूष गुप्ता ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन, डॉ संदीप जैन अध्यक्ष आई एम ए मेरठ, डॉक्टर तरुण गोयल सचिव आई एम ए मेरठ के साथ ही आईएमए एएमएस मुख्यालय के संयुक्त सचिव डॉ. राजीव गोयल, डॉ. एमके बंसल और डॉ. प्रदीप सिंह आदि उपस्थित रहे।

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