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प्रेम से कहें तो एक दिन का वेतन और दे देंगे लेकिन जबरन कटौती स्‍वीकार नहीं

-इप्‍सेफ की प्रधानमंत्री से  राष्‍ट्रीय वेतन आयोग गठित करने की अपील

लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्रा एवं महामंत्री प्रेमचंद्र ने देश के केन्द्रीय एवं राज्य सरकारों के मुखिया से कहा है कि सरकार यदि प्रेम से चाहे तो देशभर के कर्मचारी 1 दिन का वेतन और प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री आपदा कोष में देने को तैयार हैं परंतु वेतन एवं भत्तों में जबरन कटौती को कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि पूर्व में लंबे अरसे तक चले आंदोलन के बाद यह भत्ते हासिल किए गए थे।

दोनों नेताओं ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री को कई पत्र भेजकर अनुरोध किया कि कर्मचारियों की समस्याओं पर मिलकर बैठक करके समाधान कराएं जिससे कि आंदोलन की स्थिति उत्पन्न न हो। इप्सेफ का सदा यही उद्देश्य रहा है कि सरकार एवं कर्मचारियों के मध्य सद्भाव का वातावरण बनाए रखकर विकास कार्यक्रमों की गति को आगे बढ़ाया जाए।

अध्यक्ष एवं महामंत्री इप्सेफ ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि समूचे देश भर के केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों को एक समान वेतन भत्ते दे दिया जाए तो हमेशा के लिए आंदोलन की स्थिति समाप्त हो जाएगी। इस विषय पर राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन करके इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। कर्मचारी आंदोलन से देश के विकास की गति थम जाती है। वैसे भी लॉक डाउन में विकास की गति थम गई है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र ने कहा कि राज्य सरकारों द्वारा धमकी देकर उनकी आवाज बंद नहीं की जा सकती है। श्री मिश्र ने देशभर के कर्मचारी संगठनों से भी अनुरोध किया है कि वह आपसी मतभेद बंद करके कर्मचारियों के अस्तित्व को एवं उन्हें प्राप्त वेतन भत्तों को बचाने के लिए एकजुट रहकर निर्भीक होकर सरकार पर दबाव बनाएं।

उन्‍होंने प्रधानमंत्री को विश्वास दिलाया है कि कोरोना संकट में देशभर का कर्मचारी रिस्क लेकर पूरा सहयोग कर रहा है और करता रहेगा। देश का हित सर्वोपरि है।