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डेंगू से बचाव और उसके उपचार में भी कारगर है होम्‍योपैथी दवा

गोमती नगर स्थित राजकीय महाविद्यालय के अस्‍पताल में रोजाना आ रहे डेंगू और ज्‍वर के 200 मरीज
                                                                                                                                                                डॉ अरविन्‍द वर्मा

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। बड़े-बड़े रोगों को लक्षणों के आधार पर ठीक करने वाली होम्‍योपैथी दवा डेंगू से निपटने में भी कारगर है, न सिर्फ कारगर बल्कि डेंगू से बचाव में भी इसकी महत्‍वपूर्ण भूमिका पायी गयी है। राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित राजकीय नेशनल होम्‍योपैथिक चिकित्‍सा महाविद्यालय स्थित अस्‍पताल में बुखार और डेंगू से ग्रस्‍त रोजाना करीब 200 मरीज आ रहे हैं, इन मरीजों को होम्‍योपैथी औषधियों से ठीक किया जा रहा है।

महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ अरविन्‍द वर्मा ने बताया कि सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक अस्‍पताल में चलने वाली ओपीडी में रोज लगभग डेंगू व अन्‍य ज्‍वर के साथ-साथ अन्‍य रोगों से पीडि़त 1000 मरीज आ रहे हैं, इनमें करीब 200 मरीज डेंगू व ज्‍वर के हैं जो अस्‍पताल में इलाज करा रहे हैं और ठीक हो रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि होम्‍योपैथी में लक्षण के आधार पर इलाज किया जाता है।

डॉ अनुरुद्ध वर्मा

केंद्रीय होम्‍योपैथी परिषद के पूर्व सदस्‍य व वरिष्‍ठ होम्‍योपैथी विशेषज्ञ डॉ अनुरुद्ध वर्मा ने बताया कि आजकल डेंगू का प्रकोप चल रहा है, ऐसे में इससे बचाव के लिए होम्‍योपैथिक औषधि यूपाटोरियम परफोलियेटम Eupatorium Perfoliatum-30 cH को कारगर पाया गया है। उन्‍होंने बताया कि होम्‍योपैथी में लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है इसीलिए एक ही दवा कई तरह के रोगों में लाभकारी होती है। यह दवा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को डेंगू के खिलाफ बढाने में मददगार है।

डॉ वर्मा ने कहा कि यूपाटोरियम परफोलियेटम को डेंगू बुखार की रोकथाम और उपचार के लिए पूरे विश्व में सफलतापूर्वक प्रयोग किया जाता रहा है। उन्‍होंने कहा कि दक्षिणी भारत में, सरकारी होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल मदुराई, में डेंगू बुखार से बचाव के उपाय के रूप में शिविर लगाकर इस दवा को बंटवाया गया था। इस दवा को वितरित करने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया गया था।

उन्‍होंने कहा कि अगर किसी व्‍यक्ति को डेंगू होने की पुष्टि हो जाती है तो भी होम्‍योपैथी औषधि पूर्णतया कारगर हैं, लेकिन इन्‍हें किसी होम्‍योपैथी चिकित्‍सक की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिये। उन्‍होंने बताया कि जैसा कि सभी जानते हैं कि मच्‍छर रोगों का वाहक होता है इसलिए सबसे ज्‍यादा जरूरी है मच्‍छरों से बचाव। बेहतर यही होगा कि अपने आसपास मच्‍छरों को पनपने का मौका ही न दें। इसके लिए घर में और आसपास गंदा या साफ पानी इकट्ठा न होने दें। गंदे पानी में तरह-तरह के मच्‍छर तो पनपते ही हैं लेकिन ठहरा हुआ साफ पानी भी जमा न होने दें क्‍योंकि डेंगू का मच्‍छर साफ पानी में ही पैदा होता है। शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनें, घर के कूलर, मिट्टी के बरतन, टायर या कहीं भी अगर पानी जमा है तो उसे खाली कर दें। खुद सफाई रखें और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करें।