Thursday , April 25 2024

कम खर्चीली और 80 फीसदी रोगों में कारगर है होम्योपैथी

डॉ.हैनीमैन के चित्र पर माल्यार्पण करते चिकित्सक।

लखनऊ। होम्योपैथी जन सरोकार से जुड़ी जनता की स्वास्थ्य अपेक्षाओं पर पूरी तरह खरी उतरने वाली पद्धति है, क्योंकि यह सरल, सुलभ, सुरक्षित, कम खर्चीली, संपूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करने वाली एवं 80 प्रतिशत स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में सक्षम है इसलिए इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
यह विचार लखनऊ होम्यापैथिक मेडिकल कॉलेज एल्यूमिनाइ एसोशिएसन, रिसर्च सोसाइटी ऑफ होम्योपैथी एवं एपीएमपी के संयुक्त तत्वावधान में संगीत नाटक अकेडमी प्रेक्षागृह में आयोजित विश्व होम्यापैथी दिवस समारोह में विशेषज्ञों ने व्यक्त किए। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर एवं डॉ. हैनीमैन की मूर्ति पर माल्यार्पण कर समारोह का शुभारम्भ किया।

महंगी दवाओं के जाल से निकाल सकती है होम्योपैथी

केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के वरिष्ठ सदस्य डॉ0 अनुरुद्ध वर्मा ने कहा कि होम्योपैथी में एक तरह से जेनरिक औषधियों का ही प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह एकल, सरल एवं न्यूनतम औषधि के सिद्धांत पर आधारित है और कम खर्चीली होने के कारण लोगों को महंगी दवाइयों के जाल से निकाल सकती है। उन्होंने चिकित्सा कार्य से पूर्व इक्जिट परीक्षा के प्रस्ताव पर आपत्ति व्यक्त की। उन्होने कॉलेजों को परिषद के मानकों पर स्थापित करने, पंचायत स्तर पर होम्योपैथिक अस्पताल खोलने, छात्रों का इंटर्नशिप भत्ता बढ़ाने एवं क्लीनिक खोलने के लिए अनुदान देने आदि के मुद्दे उठाये।
पूर्व निदेशक होम्योपैथी प्रो. बीएन सिंह ने कहा कि डॉ. हैनीमैन ने विश्व को ऐसी नई चिकित्सा विधा का वरदान दिया जिसमें सबको स्वास्थ्य प्रदान करने की क्षमता निहित है। आगरा विश्व विद्यालय के होम्योपैथी विभाग के डीन डॉ. आनन्द चतुर्वेदी ने कहा कि लगन, मेहनत, आत्मविश्वास एवं डॉ. हनीमैन के दर्शन एवं सिद्धांत पर अमल कर ही होम्योपैथी को आगे बढ़ाया जा सकता है।
होम्योपैथी के पूर्व निदेशक डॉ. वी प्रसाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में होम्यापैथी के विकास को सरकार का पूरा साथ मिल रहा है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नरेश अरोरा ने कहा कि चिकित्सकों को रोगियों के उपचार का पूरा डाटा रखना चाहिए जिससे साक्ष्य आधारित उपचार का विवरण प्रस्तुत किया जा सके।
इस अवसर पर वैज्ञानिक सत्र में साई नाथ पोस्ट गे्रजुएट इन्स्टीट्यूट ऑफ होम्यापैथी इलाहाबाद के प्राचार्य डॉ. प्रो. एसएम सिंह ने अपने 45 वर्ष के चिकित्सकीय अनुभव साझा करते हुए बताया कि होम्यापैथी में उचार के लिए रोगी के मानसिक लक्षणों, व्यवहार, बोलचाल, खान-पान, इच्छा एवं अनिच्छा आदि का अवलोकन कर सटीक औषधि का चयन कर असाध्य से असाध्य रोगी का उपचार किया जा सकता है उन्होंने अनेक उपचारित रोगियों का विवरण प्रस्तुत किया।

अनेक चिकित्सकों को किया गया सम्मानित

जयपुर की डॉ. वत्सला कसाडा ने बताया कि धूम्रपान के कारण प्रतिवर्ष लाखों लोग असमय मौत का शिकार हो जाते हैं। होम्यापैथी औषधियां धूम्रपान की लत छुड़ाने एवं रोगों के उपचार में कारगर हैं। इस अवसर पर होम्योपैथी के क्षेत्र में विशिष्ट सेवाओं के लिए चिकित्सकों को सम्मानित किया गया जिसमें डॉ. सीपी सिंह, डॉ. गिरीश गुप्ता, डॉ. रमेश श्रीवास्तव, डॉ. रेनू महेन्द्रा, डॉ. गजेन्द्र कुमार, डॉ. अरुणा द्विवेदी, डॉ. पूर्णिमा शुक्ला, डॉ. पंकज श्रीवास्तव, डॉ. रवीन्द्र सिंह, डॉ. अर्पिता सरकार, डॉ. हर्षित कुमार, डॉ. पूनम वर्मा आदि शामिल हैं। समारोह में प्रदेश के राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेजों के बीएचएमएस परीक्षाओं में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कॉलेज के छात्रों ने रंगारंग मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संदीप शुक्ला एवं आभार प्रदर्शन प्रान्तीय होम्योपैथिक शिक्षक सेवा संघ के महासचिव डॉ. एसडी सिंह ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.