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ईडा, पिंगला और सुषुम्ना नाड़ियों का शोधन बचाता है कई अहम बीमारियों से

तीनों नाड़ियों के शोधन के लिए करिये पांच प्राणायाम व आसन

बलरामपुर अस्‍पताल में चिकित्‍सकीय योग स्‍वास्‍थ्‍य शिविर समाप्‍त

लखनऊ। हाई ब्लड प्रेशर, टाइप टू डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज जैसे गैर संचारी रोगों को रोकने में शरीर की तीन नाड़ियों की अहम भूमिका होती है, ये नाड़ी हैं ईडा, पिंगला और सुषुम्ना, इन तीनों नाड़ियों को भस्त्रिका प्राणायाम, नाड़ी शोधन प्राणायाम, कपालभाती, शशांक आसन एवं सूर्य नमस्कार के नियमित अभ्यास से शोधित एवं संतुलित किया जा सकता है।

 

यह बात किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पूर्व मनोवैज्ञानिक एवं योग विशेषज्ञ डॉ दीना नाथ राय ने बलरामपुर अस्पताल में अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस माह के अवसर पर 22 मई से चल रहे चिकित्‍सकीय योग स्‍वास्‍थ्‍य शिविर के समापन अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में कही। ‘गैर संचारी रोगों के प्रबंधन में योग प्राकृतिक चिकित्सा एवं जीवन शैली का महत्व’ विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी की अध्यक्षता अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन ने की।

 

संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि बलरामपुर अस्पताल के पूर्व योग विशेषज्ञ डॉ सोचन यादव ने बताया कि योग, प्राकृतिक चिकित्‍सा एवं यौगिक आहार के सेवन से व्‍यक्ति स्‍वस्‍थ रह सकता है। चिकित्सालय के योग विशेषज्ञ डॉ नंदलाल यादव ने बताया कि शीतली, शीतकारी एवं चंद्रभेदी प्राणायाम के नियमित अभ्यास करने से शरीर तथा मस्तिष्क में शीतलता आती है तथा उच्च रक्तचाप एवं मानसिक तनाव के प्रबंधन में भी यह सहयोगी है।

 

संगोष्ठी के अध्यक्ष चिकित्सालय के निदेशक डॉ राजीव लोचन ने बताया कि जीएनएम छात्राओं को योग विशेषज्ञ डॉ नंदलाल यादव के निर्देशन में चिकित्सकीय दृष्टि से योग का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण से जीएनएम की छात्राएं स्वयं स्वस्थ रह सकती हैं तथा अपने परिवार एवं रोगियों को भी एलोपैथी चिकित्सा के साथ-साथ योग चिकित्सा से भी लाभान्वित कर सकती हैं। उन्‍होंने कहा कि योग के नियमित अभ्यास से मनुष्य की रोग प्रतिरोधक शक्ति को संतुलित किया जा सकता है जिससे गैर संचारी रोगों में सौ फीसदी रोक लगती है। दंत शल्‍यक डॉ रेखा पाल ने दांतों को स्‍वस्‍थ रखने के लिए दातून या मुलायम ब्रश से दांतों की सफाई पर जोर देते हुए बताया कि किस प्रकार से दांतों और मुंह का व्‍यायाम करने से मसूढ़े मजबूत रहते हैं।

 

संगोष्ठी को चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ हिमांशु चतुर्वेदी, वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ नरेंद्र देव, रामनारायण एवं आनंद कुमार गुप्ता ने भी संबोधित किया। इस मौके पर नर्सिंग अधीक्षक पूनम मिश्रा, स्कूल ऑफ नर्सिंग बलरामपुर चिकित्सालय की व्याख्याता बीना सिंह, फिरदौसी सलमान भी उपस्थित थे। संगोष्ठी में योग चिकित्सा से लाभान्वित रोगी कमर जहां, मीरा यादव, राजकुमार, अजय प्रताप आनंद आदि ने अपने पूर्ण स्वस्थ होने का राज चिकित्सकीय योगाभ्यास को बताया।