पेंट की गंध श्वास के रोगियों की हालत बना देती है गंभीर
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। दीपावली त्यौहार यूं तो सभी के लिए खुशियां लेकर आता है, लेकिन इसकी तैयारी के लिए की जाने वाली साफ-सफाई, पेंटिंग के साथ ही इस मौके पर आतिशबाजी के चलते होने वाला प्रदूषण अस्थमा और अन्य सांस की दिक्कत रखने वाले रोगियों के लिए मुसीबत लेकर आता है। दीपावली पर जब पटाखे चलें उस समय वातावरण में काफी प्रदूषण हो जाता है, बेहतर होगा कि उस समय श्वास के रोगी अपनी नाक और मुंह ढंक कर रखे, इसके लिए एन 95 मास्क ही उपयोगी होता है, लेकिल एक मास्क एक ही दिन चलता है, चूंकि यह महंगा पड़ता है इसलिए अंगोछे की चार पर्त बनाकर उसे मुंह और नाक पर बांध लें तो वह एन 95 मास्क का ही काम करता है।
देखें वीडियो-दीपावली के मौके पर पल्मोनरी विशेषज्ञ डॉ सूर्यकांत का सांस के रोगियों के लिए विशेष संदेश भाग 1
देखें वीडियो-दीपावली के मौके पर पल्मोनरी विशेषज्ञ डॉ सूर्यकांत का सांस के रोगियों के लिए विशेष संदेश भाग 2
यह जानकारी किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो सूर्यकांत ने सेहत टाइम्स से एक विशेष बातचीत में दी। दीवारों, दरवाजों, खिड़कियों पर लगने वाले पेंट से निकलने वाली गंध सांस के रोगियों के लिए इतनी नुकसानदायक होती है कि अगर पेंट किये हुए कमरे में श्वास रोगी को सुला दिया जाये तो बहुत संभव है कि उसे अस्पताल ले जाने की नौबत आ जाये, यही नहीं मरीज की जान भी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार धूल, धुआं भी श्वास के रोगियों के लिए बहुत खतरनाक है। झाड़ू लगाते समय, गद्दे, कालीन, परदे आदि पर जमी धूल झाड़ते समय भी श्वास के रोगी वहां न रहें।