Saturday , November 23 2024

मुख्‍यमंत्री योगी की मंशा पर पानी फेरने की हो रही कोशिश

-मुख्‍य सचिव को पत्र लिखकर जेई मरीजों के लिए बने विभाग को लिम्‍ब सेंटर से न हटाने की अपील की कर्मचारी शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने

लखनऊ जापानी इंसेफेलाइटिस के संभावित संक्रमण के लिए की जा रही तैयारियों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा को केजीएमयू तथा अन्य मेडिकल कॉलेजों में जापानी इंसेफेलाइटिस के उपचार के लिए पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए हैं, केजीएमयू में जापानी इंसेफेलाइटिस के लिए पूर्व से लिंब सेंटर में सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर व्यवस्था की थी और प्रदेश स्तर पर एक मात्र प्रदेश स्तरीय अस्पताल के रूप में केजीएमयू के लिंब सेन्टर में जापानी इंसेफेलाइटिस का उपचार किए जाने की व्यवस्था है, लेकिन हाल ही में केजीएमयू प्रशासन द्वारा लिंब सेंटर को अन्यत्र स्थापित कर कोविड-19 अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया जो जापानी इंसेफेलाइटिस के इलाज में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से बाधक बनेगा और  मुख्यमंत्री के मंशा पर पानी फिर सकता है ।

कर्मचारी शिक्षक संघर्ष मोर्चा उ प्र के अध्यक्ष वी पी मिश्र ने पुनः डॉ रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिखकर लिंब सेंटर को अन्यत्र स्थानांतरित न करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि लिंब सेंटर में चल रहे डी पी एम आर सहित चार विभागों को यथावत बनाए रखा जाए तथा पूर्व से स्थापित जापानी इंसेफेलाइटिस के इस सेंटर को बंद करके इससे ग्रसित मरीजों को उपचार से बाधित न किया जाए।

श्री मिश्र का कहना है कि लिंब सेंटर में वर्तमान में रिह्यूमेटोलॉजी,  पुनर्वास केंद्र, स्पोर्ट्स मेडिसिन सहित पांच विभाग संचालित हो रहे हैं जिसे अन्यत्र विस्थापित करने से सभी विभाग सही से कार्य नहीं कर पाएंगे और मरीजों को उचित सुविधाएं नहीं प्राप्त हो सकेंगी।  पूर्व में ही केजीएमयू के संक्रामक रोग चिकित्सालय को अन्यत्र बनाने की योजना है तथा सरकार द्वारा जमीन आवंटित की जा रही है। लिंब सेंटर को कोविड-19 चिकित्सालय में बदलने में लगभग 6 माह से ज्यादा का समय और करोड़ों रुपए का धन खर्च होगा। जबकि पूर्व में ही केजीएमयू प्रशासन संक्रामक रोग चिकित्सालय बनाने की योजना पर विचार कर चुका है और उसका निर्णय भी लिया जा चुका है। अतः वह अस्पताल भी 6 माह में अन्यत्र बनाया जा सकता है।

उन्‍होंने कहा है कि केजीएमयू प्रशासन द्वारा शासन के निर्देशों को भी न मानते हुए बार-बार लिंब सेंटर को ही विस्थापित करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया लेकिन अब जबकि मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों और विशेष रूप से केजीएमयू को जापानी इंसेफेलाइटिस की मरीजों के संभावित उपचार की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं ऐसे में यह लाजमी हो जाता है कि इस चिकित्सालय को बनाए रखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन किया जाए और एक गंभीर बीमारी से लड़ने में जनता की मदद की जाए।

कर्मचारी शिक्षक संघ मोर्चा के उपाध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि यह विकलांगों के लिए एकमात्र सहारा है। समाचार पत्रों से ज्ञात हुआ था कि कुछ दिव्यांग जनों ने अपनी परेशानी की आशंका को देखते हुए लिंब सेंटर को विस्थापित ना करने की मांग करते हुए प्रदर्शन भी किया था लेकिन प्रशासन द्वारा इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। इसलिए मोर्चे ने आज मांग की कि जनता के हित में जापानी इंसेफेलाइटिस के उपचार के लिए लिंब सेंटर के सभी विभागों को यथावत बनाए रखें।