Thursday , April 25 2024

कोरोना काल में चिकित्‍सा कर्मियों का मनोबल टूटा तो प्रदेश भर को दिक्‍कत हो जायेगी

-कोविड अस्‍पतालों में कोरोना वारियर्स के लिए पृथक वार्ड बनाने की मांग

-खाली पड़े पदों पर भर्ती करने की भी मांग की राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद ने  

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। प्रदेश में कोरोना संक्रमित कोरोना योद्धाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए तथा चिकित्सालयों में उन्हें अच्छी सुविधाएं उपलब्ध न हो पाने की शिकायतों को देखते हुए आज राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने प्रदेश सरकार से मांग की कि प्रत्येक बड़े चिकित्सालय में कोरोना वारियर के लिए अलग से बेड की व्यवस्था एवं अलग वार्ड आरक्षित किए जाएं।

परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि इस संबंध में मुख्य सचिव एवं अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को पत्र लिखकर परिषद ने मांग की है कि प्रत्येक बड़े चिकित्सालय में सुसज्जित वार्ड आरक्षित किए जाएं। अक्सर देखने में आ रहा है कि विभिन्न चिकित्सालयों के चिकित्सक, फार्मेसिस्ट, नर्सेज, लैब टेक्नीशियन, प्रयोगशाला सहायक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अब बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं, कुछ कोरोना वारियर शहीद भी हो चुके हैं, अभी संज्ञान में आ रहा है कि संक्रमित कर्मियों को चिकित्सालय में इलाज के लिए सामान्य मरीजों के साथ रखा जाता है, वहीं तमाम ऐसे कर्मचारी हैं, जो चिकित्सालय में भर्ती भी नहीं हो पाते।

आज जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री कोरोना वॉरियर्स को सम्मान दे रहे हैं और प्रदेश की जनता भी कोरोना उपचार एवं बचाव में लगे हुए कर्मियों के प्रति अपना सम्मान जता रही है। विभिन्न जनपदों में यह शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि‍ कोरोना के उपचार में लगे हुए कार्मिकों को अपने इलाज के लिए दरबदर भटकना पड़ता है एवं उन्हें सामान्य मरीजों की तरह वार्डों में डाल दिया जाता है जिससे  इनका मनोबल कमजोर होता है साथ ही परिवार भी भयभीत हो रहा है।

श्री मिश्र ने मुख्यमंत्री का ध्यान पत्र के माध्यम से इसपर भी आकृष्‍ट किया है कि वर्तमान परिवेश में चिकित्सक सहित पैरामेडिकल संवर्ग के काफी पद रिक्त हैं और मानकों के अनुसार पदों की संख्या भी काफी कम है, पूर्व से ही कर्मचारियों पर कार्य का बोझ अधिक है व इस वैश्विक महामारी का सामना करने में यदि अधिक मात्रा में कर्मचारी संक्रमित हो गए या उनका मनोबल कमजोर हुआ तो निश्चित रूप से इसका प्रतिकूल प्रभाव प्रदेश की जनता पर पड़ेगा और सरकार को भी अचानक काफी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए चिकित्सक सहित पैरामेडिकल संवर्ग के रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्ति व मानकों के अनुरूप पदों का सृजन किया जाना अतिआवश्यक है।

परिषद के प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि देश के कुछ अन्य राज्यों के साथ उत्तर प्रदेश में भी बिना लक्षण रोगियों के लिए होम क्वॉरेंटाइन की सुविधा अनुमन्य की जानी चाहिए। साथ ही कर्मचारियों को उचित इलाज की व्यवस्था दी जानी चाहिए।