-परीक्षार्थियों की उमड़ी भीड़ के सामने जिम्मेदार दिखे बेबस
लखनऊ। वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण से बेतहाशा बढ़ती संख्या के बीच रविवार को उत्तर प्रदेश बीएड प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया। दो पालियों में होने वाली इस परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग मजाक बन कर रह गयी। परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों की उपस्थिति 90 प्रतिशत रही।
सेहत टाइम्स ने एक दिन पहले ही लिखा था कि बड़ी चुनौती होगी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना। ऐसा ही हुआ, लखनऊ की बात करें तो यहां 82 केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा में करीब 30500 अभ्यर्थी शामिल होने थे। पहली पाली में सुबह 9 बजे से शुरू होने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए दो घंटे पहले ही करीब सात बजे से ही केंद्रों पर गहमागहमी शुरू हो गई थी। सोशल डिस्टेंसिंग की बात करें तो केंद्र पर सीटिंग प्लान देखने के दौरान ही केंद्रों पर उमड़ी भीड़ ने शारीरिक दूरी के मानक की खुलकर धज्जियां उड़ाईं। यद्यपि केंद्रों पर व्यवस्थापकों के साथ ही पुलिस मौजूद थी लेकिन वे सिर्फ असहाय बनकर देखते रहे।
हां यह जरूर था कि प्रत्येक अभ्यर्थी मास्क जरूर लगाये थे, इसके बिना किसी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा था, इक्का-दुक्का जिनके पास मास्क नहीं था, उसे केंद्र पर ही मास्क उपलब्ध कराया गया। अभ्यर्थियों के हाथों में पेन, पेंसिल की तरह सैनिटाइजर भी दिखा।
दरअसल जो साधारण में दिख रहा है वह यही है कि सड़क पर अनेक लोग ऐसे हैं जो मास्क नहीं लगाते हैं, या ठीक से नहीं लगाते हैं, यही हाल सोशल डिस्टेंसिंग का है, बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखती है। ऐसे में जब इस तरह की सामूहिक परीक्षा का आयोजन होता है तो इस तरह के नियमों का पालन कराना एक मुश्किल चुनौती होती है।