-बढ़ती उम्र के असर को रोकने के लिए अपेक्षित कदमों को उठाये जाने के बारे में जानकारी दी विशेषज्ञों ने
सेहत टाइम्स
लखनऊ। ऑल इंडिया कॉस्मेटोलॉजिस्ट्स एंड ब्यूटीशियंस एसोसिएशन (एआईसीबीए) उर्फ सौंदर्य मित्र का 23वां वार्षिक सम्मेलन AICBACON 25 आज 12 जनवरी को यहां गोमती नगर स्थित होटल ताज में धूमधाम से सम्पन्न हुआ। पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी AICBA किंग और AICBA क्वीन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें जाने-माने हेयर ड्रेसर हरीश भाटिया ‘किंग’ और डॉ शिवानी वर्मा को ‘क्वीन’ के खिताब से नवाजा गया। क्वीन का खिताब केजीएमयू की पूर्व इंचार्ज डॉ उमा सिंह ने तथा किंग का खिताब एसोसिएशन के उपाध्यक्ष वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ वैभव खन्ना ने प्रदान किया।
दिन भर चले कार्यक्रम की जानकारी देते हुए एसोसिएशन की सचिव डॉ रमा श्रीवास्तव, डॉ आदर्श कुमार ने बताया कि इस बार की थीम ऐंटी एजिंग थी। उन्होंने बताया कि समारोह दीप प्रज्ज्वलन के साथ समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि डीजी पुलिस (प्रशिक्षण) तिलोत्तमा वर्मा आईपीएस और विशिष्ट अतिथि एएमसी, लखनऊ के डिप्टी कमांडेंट ब्रिगेडियर भूषण अस्थाना ने किया। इस मौके पर एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया।
डॉ आदर्श ने बताया कि डॉ रमा श्रीवास्तव ने एक सार्थक चर्चा करायी। स्वास्थ्य एवं सौंदर्य विषय पर हुई चर्चा में यह बात निकलकर सामने आयी कि यह ऐसी बढ़ती हुई फील्ड है जिसमें होने वाली रिसर्च और उसकी दिशा पर शुरुआत से नजर होनी चाहिये। इसके साथ ही आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से जो भी सुविधाएं मिल रही हैं, वे सुविधाएं सभी लोगों तक बिना किसी आर्थिक भेदभाव के पहुंचनी चाहिये, तभी इस प्रगति की सार्थकता होगी। पैनलिस्ट के रूप में एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ एके सिंह ने कहा कि आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस का महत्व तो है लेकिन यह ह्यूमैन इंटेलिजेंस से आगे नहीं जा सकता है। पैनलिस्ट डॉ मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि एआई के बारे में हमें सीखना जरूरी है, अगर हमने इसे नहीं सीखा तो पीछे रह जायेंगे। अन्य पैनलिस्ट डॉ संजय अरोरा ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमता यानी एआई से हमें संभावनाओं का तो पता चल जाता है लेकिन फीलिंग का पता नहीं चल सकता उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे बॉलर ने बॉल फेंकी तो बॉल किधर जायेगी, यह तो एआई बता देगा लेकिन बॉलर ने जो प्रेशर बल्लेबाज के ऊपर डाला उसके बारे में एआई नहीं बता सकता।
50 की उम्र में 40 की दिखेंगी
बढ़ती उम्र में न्यूट्रीशन के महत्व पर किंग जॉज चिकित्सा विश्वविद्यालय की मुख्य आहार विशेषज्ञ सुनीता सक्सेना ने अपनी प्रस्तुति में बताया कि किस प्रकार अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करते हुए खानपान का निर्धारण करने से बढ़ती उम्र के प्रभाव को दस साल पीछे किया जा सकता है, अर्थात 50 वर्ष की आयु में भी आप 40 वर्ष की आयु के दिखेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि आपकी सोच पॉजिटिव होनी चाहिये, दूसरी चीज है व्यायाम, योग, मेडीटेशन और आठ घंटे की नींद पर ध्यान देना होगा क्योंकि शरीर और मन दोनों को फिट रखने का भी असर ऐंटी एजिंग पर पड़ता है। तीसरा नम्बर है डाइट का, हमें डाइट अच्छी और स्वास्थ्यवर्धक लेनी चाहिये। दिन भर में कम से कम चार से पांच लीटर पानी अवश्य पीयें जिससे हमारा शरीर हाईड्रेट रहे। फास्ट फूड से परहेज करें, इसके स्थान पर हमारा जो पहले खाना होता था जैसे मोटा अनाज, हरी सब्जियां, रेशेदार फूड्स को रोजाना की खुराक में शामिल करें। उन्होंने कहा कि व्यायाम, योग, मेडीटेशन, पूरी नींद और खुराक जब ठीक रहेंगे तो न सिर्फ हमारा बाहरी सौंदर्य बल्कि आंतरिक अवयव भी दुरुस्त रहेंगे जिसका असर बढ़ती उम्र के असर को रोकने पर पड़ेगा।
एंटी एजिंग एस्पेटिक उपचार पर डॉ दीप्ति जैन ने परिचर्चा का संचालन किया। कॉस्मेटिक गाइनीकोलॉजी पर विशेष चर्चा हुई, जिसमें प्लास्टिक सर्जन डॉ ऋचा ने मध्यस्थता की। इस चर्चा में वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञों द्वारा प्रश्नों के उत्तर दिए गए। तत्पश्चात, कॉस्मेटिक सर्जन का पैनल बैठा, जिसका संचालन डॉ. मनोज श्रीवास्तव ने किया।
डॉ. दीपक मेहन में अप्रैल में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीम 10वें सम्मेलन के बारे में बताया, जो इस्तांबुल में होगा। सौंदर्य संबंधित संजीव प्रदर्शन में मुंबई से आए हरीश भाटिया ने हेयर कटिंग और साधना जग्गी ने हेयर स्टाइलिंग सिखाई। समारोह में ब्राइडल प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। समारोह में 160 प्रतिभागियों सहित करीब 230 लोगों ने हिस्सा लिया।