-अमेरिका की संस्था कविता होलिस्टिक एप्रोच ने वर्चुअल आयोजित अवॉर्ड समारोह में दिया सम्मान
-भारत के साथ ही अमेरिका, स्विटजरलैंड, इटली, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञ शामिल हुए समारोह में
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित गौरांग क्लीनिक एंड सेंटर फॉर होम्योपैथिक रिसर्च (GCCHR) के संस्थापक व होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉ गिरीश गुप्ता को अमेरिका की संस्था कविता होलिस्टिक एप्रोच ने ‘हैनिमैन पर्सनालिटी ऑफ द इयर’ सम्मान से नवाजा है। डॉ गुप्ता को यह सम्मान उनके द्वारा होम्योपैथी के क्षेत्र में की जा रही रिसर्च और विश्व स्तर पर हो रही उनके कार्यों की सराहना के लिए दिया गया है। समारोह में भारत के साथ ही अमेरिका, स्विटजरलैंड, इटली, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के होम्योपैथिक चिकित्सक भी जुड़े।
शनिवार 8 मई को भारतीय समयानुसार रात्रि 9 बजे वर्चुअली आयोजित इस अवॉर्ड सेरेमनी में कविता होलिस्टिक एप्रोच की प्रेसीडेंट डॉ कविता कुकुनूर ने यह सम्मान देते हुए कहा कि होम्योपैथी के जनक डॉ सैमुअल हैनिमैन के सिद्धांतों पर चलकर होम्योपैथी को आगे बढ़ाने के लिए किये जा रहे कार्यों का साल भर आकलन करने के बाद इस सम्मान के लिए एक व्यक्ति को चुना जाता हैं। इसी क्रम में डॉ गिरीश गुप्ता को इस साल इस सम्मान से नवाजा जा रहा है। डॉ कविता ने कहा कि क्योंकि डॉ हैनिमैन के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर उनके कार्यों को आगे बढ़ाने में समर्पित व्यक्ति को इस सम्मान के लिए चुना जाता है इसलिए इस प्रतिष्ठित सम्मान को ‘हैनिमैन पर्सनालिटी ऑफ द इयर’ भी कहा जा सकता है।
डॉ कविता ने कहा कि डॉ गिरीश गुप्ता हमारे न्यूज लेटर, समय-समय पर आयोजित वेबिनार्स में अपनी उपस्थिति और कई विषयों पर प्रस्तुतिकरण करते रहते हैं, जिनकी भारत और अमेरिका ही नहीं दूसरे देशों के विशेषज्ञों द्वारा भी सराहना की जाती है। उन्होंने कहा कि डॉ गिरीश गुप्ता द्वारा स्त्री रोगों और चर्म रोगों पर सबूतों पर आधारित लिखी गयी किताबें Evidence-based Research of Homoeopathy in Gynaecology और Evidence-based Research of Homoeopathy in Dermatology वास्तव में होम्योपैथी को वैज्ञानिक मापदंडों पर खरा साबित कर रही हैं, जो होम्योपैथी की विश्व स्तर पर स्वीकार्यता को बढ़ाने में सहायक है। उन्होंने दोनों किताबों को स्क्रीन पर भी दिखाया।
साक्ष्य आधारित इलाज की अपील की
इस मौके पर डॉ गिरीश गुप्ता ने सम्मान के लिए आभार जताते हुए कहा कि मैंने होम्योपैथी को एक व्यवसाय नहीं बल्कि मिशन की तरह चुना है, डॉ हैनीमैन ने दुनिया को होम्योपैथी के रूप में शिशु से लेकर वृद्धों तक द्वारा सहज सेवन करने वाली और प्रभावी तरीके से रोग को जड़ से समाप्त करने वाली उपचार पद्धति का तोहफा दिया है, इसका लाभ जन-जन तक पहुंचे, जन-जन में इसकी स्वीकार्यता हो, इसके लिए विज्ञान की मुख्य धारा में लाने का उद्देश्य लेकर मैं अपने मिशन में लगा हूं। उन्होंने आह्वान किया कि चिकित्सक जो भी इलाज करें उसका प्रॉपर रिकॉर्ड रखें, मरीजों के दस्तावेज ही साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड के रूप में साक्ष्य ऐसा रखें कि रोग और उसके सफल उपचार को लेकर उठने वाले सवालों का जवाब उन रिकॉर्ड्स से ही मिल जाये।
समारोह में डॉ वत्सला स्पर्लिंग को केएचए बेस्ट मोटीवेशनल स्पीकर का सम्मान दिया गया। विशिष्ट अतिथि हैदराबाद के जेएसपीएस गवर्नमेंट होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ एन लिंगा राजू ने समारोह की अध्यक्षता की। इस समारोह में ब्राजील की प्रो रेजीना रियानेली की होम्योपैथी क्षेत्र में किये जा रहे योगदान के साथ ही मौजूदा कोविड काल में उनके द्वारा कोविड रोगियों की मदद के लिए सराहना की गयी।