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डीएम कर रहे डॉक्‍टर ने ‘लिम्बिक सिस्‍टम’ पर लिखी कविता से यूके में बिखेरा जलवा

संजय गांधी पीजीआई के डॉ सिद्धार्थ वारियर ने अंतर्राष्ट्रीय हिप्पोक्रेट्स सम्मेलन में बटोरीं तालियां

डॉ सिद्धार्थ वारियर कविता प्रस्‍तुत करते     (फाइल फोटो)

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। यहां संजय गांधी पीजीआई से न्‍यूरोलॉजी में सुपर स्‍पेशियलिटी यानी डीएम न्‍यूरोलॉजी करने वाले डॉ सिद्धार्थ वारियर ने अपने कविता लिखने के शौक को जिस खूबसूरती से अपने प्रोफेशन में समाहित किया है वह काबिलेतारीफ है। शरीर के लिम्बिक सिस्‍टम (ब्रेन में भावनाओं को नियंत्रित करने की प्रणाली) पर लिखी मेडिकल कविता से डॉ सिद्धार्थ ने अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर ऐसी सराहना बटोरी है जिसने एसजीपीजीआई के साथ ही भारत वर्ष को भी गर्व करने का अवसर दिया है।

 

एसजीपीजीआई के न्‍यूरोलॉजी विभाग के प्रो यूके मिश्र ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि डॉ सिद्धार्थ ने दुनिया के मेडिकल कवियों में खुद को प्रतिष्ठित किया और ‘लिम्बिक सिस्टम’ पर कविता के लिए उन्‍हें विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

 

मेडिकल कविता के लिए हर साल होने वाला यह ‘अंतर्राष्ट्रीय हिप्पोक्रेट्स सम्मेलन’ इस बार इंग्‍लैंड में आयोजित किया गया था। इस बारे में ‘सेहत टाइम्‍स’ ने जब डॉ सिद्धार्थ से बात की तो उन्‍होंने बताया कि वह मुम्‍बई के रहने वाले हैं। अपने इस शौक के बारे में उन्‍होंने बताया कि कॉलेज के दिनों से उन्‍हें यह शौक लगा था। इसके बाद जब डॉक्‍टरी की पढ़ाई की तो अपने इस शौक को मेडिकल के ही क्षेत्र में पूरा करने के लिए मेडिकल पोएट्री लिखने लगा।

 

उन्‍होंने बताया कि तीन साल पहले जब वह लखनऊ एसजीपीजीआई आये तो यहां आकर उन्‍होंने  The Poetry Club Lucknow  (टीपीसी) की स्‍थापना की। इसका उद्देश्‍य अपनी कविता को लिखकर क्‍लब में शामिल कवियों से उनके फीड बैक लेना था। मेडिकल जिस कविता को उन्‍होंने इंग्‍लैंड में मंच पर प्रस्‍तुत किया था वह शरीर के ‘लिम्बिक सिस्‍टम’ पर आधारित है। आपको बता दें कि ‘लिम्बिक सिस्‍टम’ से ही ब्रेन में इमोशंस कंट्रोल होते हैं।