लखनऊ। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सफीपुर, उन्नाव में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. प्रीति सर्मन तथा स्टाफ नर्स मधुबाला को तात्कालिक प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही इसी चिकित्सालय में संविदा पर तैनात चिकित्सक डॉ. क्षमा शुक्ल को एक सप्ताह के लिए छुट्टी पर भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रकरण की निष्पक्ष जांच हेतु जिलाधिकारी, उन्नाव की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की जाएगी, जो एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होगी पूरे प्रकरण की जांच : सिद्धार्थनाथ सिंह
श्री सिंह ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि विगत 18 अपै्रल को रूबी प्रसव हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आयी थीं, लेकिन चिकित्सालय में तैनात स्टाफ नर्स मधुबाला द्वारा प्रसव हेतु उनसे रुपये की मांग की गयी, प्रसूता पैसा देने में असमर्थ थी, लिहाजा अस्पताल के गेट पर ही गर्भवती का प्रसव हो गया। उन्होंने बताया कि इस घटना की जानकारी प्राप्त होते ही महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. पद्माकर सिंह को तत्काल जांच के निर्देश दिए थे। इस प्रकरण की जांच हेतु दो सदस्यीय समिति गठित की गई थी। इस समिति में अपर निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, लखनऊ मण्डल, लखनऊ तथा मुख्य चिकित्साधिकारी, उन्नाव शामिल थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि समिति ने आज अपनी जांच रिपोर्ट सौपी है। इसके अनुसार चिकित्साधिकारी डॉ. प्रीति सर्मन तथा स्टाफ नर्स मधुबाला को दोषी पाया गया है। इसके अलावा संविदा पर तैनात चिकित्सक डॉ. क्षमा शुक्ल भी अनियमितता में दोषी पाई गई हैं। उन्होंने बताया कि इनकी जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है। जांच अवधि में डॉ. क्षमा को छुट्टी पर भेज दिया गया है। पारदर्शिता की दृष्टि से विभागीय अधिकारी के स्थान पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित करने के निर्देश दिए गए हैं।