क्योंकि ऑस्टियो अर्थराइटिस के मरीज ब्रिस्क वाकिंग नहीं कर सकते

लखनऊ। ऑस्टियो अर्थराइटिस, डाइबिटीज एवं हार्ट की बीमारियों का एक दूसरे के साथ होना अपेक्षाकृत खतरनाक होता है। मधुमेह के 50% मरीजों को एवं हार्ट डिजीज के 24 से 27% मरीजों को ऑस्टियो अर्थराइटिस होती है। ऑस्टियो अर्थराइटिस के 24 से 25% मरीजो प्री मेच्योर डेथ का रिस्क होता है, क्योंकि ऑस्टियो अर्थराइटिस के मरीज ब्रिस्क वाकिंग नही कर सकते जबकि हार्ट और मधुमेह की दिक्कतों से बचने के लिए ब्रिस्क वाकिंग की जरूरत होती है। इसकी वजह से ऐसे मरीज जिनको हार्ट डिजीज या डायबिटीज के साथ ऑस्टियो अर्थराइटिस है तो उनमें डेथ के चांसेज ज्यादा होते हैं।
यहां चल रहे 3rd ACP India Chapter के तीसरे और अंतिम दिन डॉ सिद्धार्थ कुमार दास विभागाध्यक्ष, गठिया रोग विभाग केजीएमयू ने बताया कि ऑस्टियो अर्थराइटिस में जिन नान स्टेरॉइडल एन्टी इन्फ्लामेट्री दवाओं को दिया जाता है ऐसी दवाओं से हार्ट की बीमारी ज्यादा होती है। इसलिए जिन मरीजों को ऑस्टियो अर्थराइटिस की बीमारी के साथ हार्ट की भी बीमारी है उनमें इन दवाओं को भी नहीं दिया जा सकता। इस प्रकार ये तीनों बीमारियों में आपस मे एक गहरा सम्बन्ध है। ये एक दूसरे की उत्तरोत्तर होती हैं।
निपाह का इलाज अभी सिर्फ लक्षणों के आधार पर
डॉक्टर एच ए एम नजमुल हसन, बांग्लादेश, द्वारा निपाह वायरस के मैनेजमेंट के लिए उनके द्वारा बनायी गयीं गाइडलाइंस के ऊपर व्याख्यान दिया गया। उन्होंने बताया कि निपाह एक नई बीमारी है। इससे एशिया के 5 देश मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, इंडिया, बांग्लादेश प्रभावित है। निपाह वायरस का सर्वप्रथम अटैक मलेशिया के एक गांव निपाह में 1998 में हुआ। जहां पर 265 लोग इससे प्रभावित हुए थे जिसमें से 105 लोगों की मृत्यु हो गई। बांग्ला देश में निपाह वायरस 2001 मैं सर्वप्रथम पाया गया इस से 13 लोग प्रभावित हुए जिनमें 9 की मृत्यु हो गई। निपाह वायरस से प्रभावित 75% लोगों की मृत्यु हो जाती है। इसका कोई इलाज नहीं है। इसमें केवल सिम्पटम्स का ही उपचार किया जाता है। यह एक प्रकार के चमगादड़ों से फैलता है जो एक देश से दूसरे देश तक उड़ कर जा सकते हैं। इसके प्रति जागरूकता ही बचाव है। निपाह, डेंगू, चिकनगुनिया आदि बीमारियों के लिए भारत और बांग्लादेश को मिलकर एक गाइडलाइन बनानी चाहिये।
तीन दिन की इस कॉन्फ्रेंस में विभिन्न अलग-अलग विद्वानों द्वारा विभिन्न विषयों पर ब्याख्यान दिया गया। कॉन्फ्रेंस में देश विदेश से आये 1150 से अधिक प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

Sehat Times | सेहत टाइम्स Health news and updates | Sehat Times