राजभवन कॉलोनी, केजीएमयू के हॉस्टल सहित 17 स्थानों पर लार्वा मिलने के बाद नोटिस जारी
लखनऊ। लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चल रहा सघन जलजनित रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत शनिवार को 34 जगहों की जांच की गयी, इनमें किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यालय और आवास और राजभवन कॉलोनी के सर्वेंट क्वार्टर सहित 17 स्थानों पर डेंगू मच्छर के लार्वा पाये गये। इन सभी स्थानों के जिम्मेदार लोगों को नोटिस जारी कर दी गयी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी, वरिष्ठ वैज्ञानिक और सहायक मलेरिया अधिकारियों की टीम ने विभिन्न सरकारी और निजी प्रतिष्ठानों सहित 34 स्थानों पर रखे कूलर, गमले, पानी की टंकियों आदि में मच्छरजनित स्थितियों की जांच की गयी तो केजीएमयू के कुलपति कार्यालय, कुलपति आवास, सरदार पटेल छात्रावास, राजभवन कॉलोनी के सर्वेन्ट क्वार्टर नम्बर 35 व क्वार्टर नम्बर 39, गौतम पल्ली के तीन मकान, बेबी कुम्हारन टोला खदरा, अवध ऐजूकेशनल एकेडमी, माधव बाग खदरा, अवध नेशनल ऐकेडमी के सामने, मोहन मीकिन विश्रामगृह डालीगंज सहित 17 स्थानों पर डेंगू मच्छर के लार्वा मिले। दूसरी ओर 70 मोहल्लों में लार्वारोधी रसायन का छिडक़ाव किया गया है।
केजीएमयू का कहना है…
केजीएमयू की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से बरसात के मौसम को देखते हुए मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए उचित प्रबंधन किया जा रहा है। मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए पेस्ट कंट्रोल ऑफ इंडिया को गत माह आदेशित किया जा चुका है। इस क्रम में पेस्ट कंट्रोल ऑफ इंडिया द्वारा सप्ताह में एक बार पूरे चिकित्सा विश्वविद्यालय परिसर में टेमेफोस दवा का छिडक़ाव कर लार्वा को नष्ट किया जाता है। संस्थान के पर्यावरण विभाग द्वारा दिनांक 6 जून 2017 को समस्त विभागों के विभागाध्यक्षों को नोटिस जारी कर यह अनुरोध किया गया था कि वो अपने विभाग में उपयोग हो रहे कूलरों का पानी साफ कर दें। गमलों एवं खुले स्थान पर पानी इकठ्ठा न होने दें।
इसके अतिरिक्त डेंगू/स्वाइनफ्लू एवं अन्य जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए चिकित्सा विश्वविद्यालय में बरसात के पूर्व 28 जून को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एसएन संखवार के द्वारा ड्राई डे का आह्वान किया गया था। जिसकेअंतर्गत संस्थान में सारे कूलरों से पानी हटाने की व्यवस्था करने का आग्रह किया गया था। अब बरसात चालू होने के उपरांत चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं सम्बंधित अधिकारियों को सूचित किया है कि विभागों एवं छात्रावासों की छतों तथा अन्य स्थानों पर एकत्रित टूटी-फूटी सामग्री इत्यादि को पूर्णत:हटवा दें जिससे कि अनावश्यक रूप से पानी इकठ्ठा न होने पाए। जलजनित रोगों के लिए जिम्मेदार लार्वा पनपने ना पाए इस सम्बंध में चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन पूर्णतया सजग है और इनकी रोकथाम के लिए प्रयत्नशीलहै।
चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन इन उपरोक्त दिशानिर्देशों के अनुपालन का पूर्ण उत्तरदायित्व सुनिश्चित कर रहा है। समस्त विभागों को इस दिशा में उचित कदम उठाने का निर्देश दिया जा चुका है।