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डॉ सूर्यकान्‍त को कोविड-19 लीडरशिप पुरस्‍कार

-लखनऊ मैनेजमेन्ट एसोसिएशन ने उल्‍लेखनीय योगदान के‍ लिए दिया पुरस्‍कार

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन  विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त को लखनऊ मैनेजमेन्ट एसोसिएशन  (एल.एम.ए) द्वारा कोविड-19 लीडरशिप पुरस्कार से सम्मानित किया  गया है।  यह पुरस्कार उन्हें उनके द्वारा कोरोना महामारी के दौरान  चिकित्सकीय क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान, समाज को जागरूक करने व  सामाजिक सेवा कार्यों के चलते प्रदान किया गया है।

ज्ञात  रहे  कि  डा. सूर्यकान्त  कोविड  टीकाकरण  के  लिए  राष्ट्रीय  स्वास्थ्य  मिशन-उत्तर प्रदेश   के  ब्रांड एंबेसडर भी हैं । इसके  साथ  ही  चेस्ट  रोगों के विशेषज्ञों  की  राष्ट्रीय  संस्थाओं  इण्डियन  चेस्ट सोसाइटी,  इण्डियन  कॉलेज  ऑफ  एलर्जी,  अस्थमा  एण्ड  एप्लाइड  इम्यूनोलॉजी  एवं  नेशनल कालेज  ऑफ चेस्ट  फिजिशियन  (एन.सी.सी.पी.)  के  पूर्व  राष्ट्रीय  अध्यक्ष  रह  चुके  हैं  तथा इण्डियन  साइंस  कांग्रेस  एसोसिएशन  के  मेडिकल  साइंस  प्रभाग  के  भी  राष्ट्रीय  अध्यक्ष   रह चुके  हैं।  वह  आईएमए एकेडमी  ऑफ  मेडिकल स्पेशलिटीज के राष्ट्रीय वायस चेयरमैन हैं एवं आईएमए लखनऊ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

इसके  अलावा  वह  चिकित्सा  विज्ञान  सम्बंधित  विषयों  पर  16  किताबें  भी  लिख  चुके  हैं  तथा एलर्जी,  अस्थ्मा,  टी.बी.  एवं  कैंसर  के  क्षेत्र  में  उनके  अब  तक  लगभग  686  शोध  पत्र  राष्ट्रीय एवं  अर्न्तराष्ट्रीय  जनरल्स   में  प्रकाशित  हो  चुके  हैं।  वह   पिछले  दो  दशक  से  अधिक  समय  से अपने  लेखों  व  वार्ताओ  एवं  टी.वी.  व  रेडियों  के  माध्यम  से  लोगों   में  एलर्जी,  अस्थमा ,  टी.बी, कैंसर  जैसी  बीमारी  से  बचाव  व  उपचार  के  बारे  में  जागरूकता  फैला  रहे  है  एवं  इस महामारी  काल  में  जनमानस  को  कोरोना  जैसी  घातक  बीमारी  से  न्यूज  चैनल,  यूट्यूब, रेडियो  एवं  अखबार  के  द्वारा  जागरूक  कर  उन्हें  बचा  रहें  है  साथ  ही  साथ  अपने   संस्थान  में कोरोना  पीड़ितों  को  भी  स्वस्थ  कर  जीवनदान  दे  रहे  है।  हाल  ही  में  वाराणसी  में  डी.आर.डी.ओ.  द्वारा  स्थापित  पंडित  राजन  मिश्रा  कोविड,  हॉस्पिटल  में  कोविड  मरीजों  को  बेहतर चिकित्सकीय     सुविधायें     उपलब्ध     कराये     जाने     के लिए    उपलब्ध     व्यवस्था का आकलन, संसाधनों, चिकित्सकीय  सुविधाओं  का  आकलन  कर  एवं  उसमें  सुधार  के लिए अपनी संस्तुति  के  लिए  भी  एक  सदस्यीय  टीम  गठित  कर  डा.  सूर्यकान्त  को  चुना  गया  था।  इसके पूर्व  भी  उप्र  शासन  द्वारा  उनको  कोविड  से  प्रभावित  जनपदों  जैसे-  आगरा,  कानपुर,  मेरठ की  समीक्षा  के लिये  भेजा  गया  था। डा.  सूर्यकान्त  को  पहले  भी  अमेरिकन  कॉलेज  ऑफ  चेस्ट  फिजिशियन,  ट्यूबरकुलोसिस एसोसिएशन   ऑफ   इण्डिया,   इण्डियन   मेडिकल   एसोसिएशन,   इण्डियन   चेस्ट   सोसाइटी,नेशनल  कालेज  ऑफ  चेस्ट  फिजिशियन  आदि  संस्थाओं  द्वारा  राष्ट्रीय  एवं  अंतरराष्ट्रीय  स्तर पर  17  फैलोशिप  सम्मान  से  भी  सम्मानित  किया  जा  चुका  है।  उन्हें  उप्र सरकार  द्वारा विज्ञान  गौरव  अवार्ड  (विज्ञान  के  क्षेत्र  में  उप्र  का  सर्वोच्च  पुरस्कार)  और  राज्य  हिन्दी संस्थान  द्वारा  विश्वविद्यालय स्तरीय  हिन्दी  सम्मान  से भी सम्मानित  किया  जा  चुका  है।