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चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप, भारत ने जारी किया अलर्ट

-चीन से आने वाले वाले सभी यात्रियों की हवाई अड्डे पर ही होगी जांच
-डॉ आशुतोष दुबे ने बताया क्‍या है कोरोना वायरस

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। चीन में आजकल कोरोना वायरस का प्रकोप चल रहा है, इसके मद्देनजर भारत सरकार ने पूरे देश में अलर्ट जारी किया है। सरकार ने इसके लिए एहतियाती कदम उठाये हैं, निर्देश के अनुसार चीन से आने वाले समस्त यात्रियों को वायुयान से उतरने के बाद वहीं एयरपोर्ट पर क्वॉरेंटाइन में रखकर उनकी जांच की जाए यदि वे जांच में निगेटिव पाए जाते हैं तभी उनको आम जनता के बीच में जाने की अनुमति दी जाए। कोरोना वायरस पशु, पक्षी और मनुष्‍य में संक्रमण से फैलता है।

यह जानकारी यहां डॉ श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) अस्‍पताल के अधीक्षक डॉ आशुतोष दुबे ने बताया कि कोरोना वायरस एक प्रकार का आरएनए वायरस है। इसकी खोज सन 1960 में हुई थी। यह मुख्य रूप से पशु, पक्षी और मनुष्य में संक्रमण फैलाता है। इसका संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ऐरोसाल (ड्रापलेट) के द्वारा पहुंचता है यदि कोई संक्रमित व्यक्ति या पशु पक्षी खांसता य छींकता है, तब यह ड्रापलेट द्वारा वायुमंडल में एरोसाल के रूप में बिखर जाता है जिसमें जब दूसरा व्यक्ति सांस लेता है या उसके शरीर का अंग संपर्क में आता है और यह  किसी भी प्रकार से शरीर में प्रवेश कर जाता है तब यह अपना प्रभाव लक्षण दिखाता है।

डॉ दुबे के अनुसार इसके संक्रमण से मुख्य रूप से श्वसन तंत्र, पाचन तंत्र एवं प्रजनन तंत्र संक्रमित होते हैं इसके संक्रमण होने पर मनुष्य में बिल्कुल वैसे ही लक्षण मिलते हैं जैसे कि जुकाम के मरीजों में मिलते हैं शुरुआती दौर में यदि इसका समुचित समुचित उपचार किया जाए तो यह ठीक अवश्य हो जाता है इसकी जांच के लिए मनुष्य की ऐसे स्थान पर जहां पर इसका एपिडेमिक हो यात्रा की गयी हो या या शक होने पर पीसीआर टेस्ट से भी पहचाना जाता है।

उन्‍होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति वायरस से संक्रमित है तो उससे पर्याप्त दूरी बना कर रखना चाहिए। ऐसे मरीजों को आइसोलेशन में रखा जाता है। स्वयं को बचाने के अन्य तरीके हैं। पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहे, विटामिन सी युक्त फल खाएं, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली खाद्य पदार्थों का प्रयोग करें, मांस-मछली और सी फ़ूड न खाएं, बाहर का खाना न खाएं, ताजा खाना खाएं, कुछ भी खाने से पहले हाथ अवश्य धुलें और बात करते समय खांसते, छींकते समय मुंह पर मास्क लगाकर रखें या मुँह ढंक करके रखें, सार्वजनिक स्थल पर जाने से बचें, हाथ मिलाने से बचें, हाथ को आंख, नाक और मुंह को ना छुएं, पशु वध शालाओं, पशु पक्षी पालन गृह में जाने से परहेज करें, बाहर से आने के पश्चात, सार्वजनिक स्थल से आने के बाद हाथ साबुन से धुलें। यदि कोई रोगी है तो उसके वस्त्र, बर्तन,बिस्तर का प्रयोग न करें।

उन्‍होंने बताया कि‍ अभी तक इस बीमारी की कोई भी वैक्सीन य टीका नहीं बनी है ना ही कोई विशेष दवा की खोज हुई है। फिर भी कुछ चिकित्सक एंटीवायरल ड्रग देते हैं जिसका प्रभाव अभी तक स्‍थापित नहीं है। उन्‍होंने आह्वान किया कि अपने आम दिनों में स्वच्छता के नियमों का पालन करें।