Friday , April 19 2024

इमरजेंसी में इंटर्न डॉक्‍टर और इंटर्न महिला फार्मासिस्‍ट भिड़े

-इंजेक्‍शन लगाने को लेकर शुरू हुई बहस मारपीट की नौबत तक पहुंची
-बलरामपुर अस्‍पताल प्रशासन ने प्रथम दृष्‍टया फार्मासिस्‍ट को पाया दोषी, जांच होगी

लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में इंटर्न डॉक्‍टर और इंटर्न महिला फार्मासिस्‍ट के बीच इंजेक्‍शन लगाने को हुए जोरदार बहसबाजी मारपीट की नौबत तक पहुंच गयी। किसी तरह बीचबचाव कर दोनों को रोका जा सका। महिला फार्मासिस्‍ट द्वारा पुलिस को भी बुला लिया गया। अस्‍पताल प्रशासन तक प्रकरण पहुंचने पर प्रथम दृष्‍टया महिला फार्मासिस्‍ट को दोषी करार दिया गया है, मामले की जांच भी की जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार रविवार रात को इंटर्न महिला फार्मासिस्ट द्वारा मरीज को इंजेक्शन लगाने से इनकार कर देने के बाद इंटर्न डॉक्टर के साथ झगड़ा हो गया। झगड़ा इस कदर बढ़ गया कि महिला फार्मासिस्ट ने 112 नं.डायल कर पुलिस को बुला लिया और पुरुष डॉक्टरों द्वारा अभद्रता और मारपीट करने का प्रयास कर आरोप लगाया गया। पुलिस ने मामले को समझकर दोनों पक्षों को समझा-बुझा कर, अस्पताल प्रशासन को सूचित किया। अस्पताल प्रशासन ने बिना इजाजत पुलिस को फोन करने के मामले में महिला फार्मासिस्ट को फटकार लगाई और मीडिया को बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है, लिखित शिकायत मिलने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

घटनाक्रम के अनुसार इंटर्न डॉक्टर ने इंटर्न महिला फार्मासिस्ट से मरीज को इंजेंक्शन लगाने को बोला, मगर इंटर्न महिला फार्मासिस्ट ने इंजेक्शन लगाने से इनकार कर दिया। बीयूएमएस डिग्री प्राप्त इंटर्न डॉक्टर ने महिला फार्मासिस्ट को सख्‍त लहजे में इंजेक्शन लगाने के निर्देश दिये। इसके बाद महिला फार्मासिस्ट भड़क गई और दोनों पक्षो में बहस शुरू हो गई, मामला इतना बढ़ा कि‍ तैनात ईएमओ डॉ.सुरेश सिंह के समझाने के बावजूद, इंटर्न डॉक्टर ने फार्मासिस्ट की पिटाई वास्ते वाइपर उठा लिया, मगर लोगों ने रोक लिया।

इसके बाद महिला फार्मासिस्ट के बुलावे पर आई 112 नं. पुलिस ने मामले को अस्पताल प्रशासन के सुपुर्द कर दिया। प्रथम दृष्टया दोषी पाई गई इंटर्न महिला फार्मासिस्ट को फटकार लगाते हुये अस्पताल के निदेशक डॉ.राजीव लोचन ने कहा कि इंटर्न महिला फार्मासिस्ट की इंटर्नशिप खत्म हो चुकी है, बावजूद अस्पताल की इमरजेंसी में कैसे ड्यूटी कर रही है, जांच कराई जा रही है। दूसरी तरफ उन्होंने बताया कि मरीजों को इंजेक्शन लगाने व ड्रेसिंग करने का मूल कर्तव्य फार्मासिस्ट का ही होता है।