-अयोध्या मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य समेत दो छात्राओं पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश
सेहत टाइम्स
लखनऊ। अयोध्या मेडिकल कालेज के संविदाकर्मी प्रभुनाथ मिश्रा की आत्महत्या मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अयोध्या ने मृतक के पिता द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र का संज्ञान लेते हुए अयोध्या नगर कोतवाली के थाना प्रभारी को आदेश देते हुए कहा कि मामला प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध होना पाया जाता है अतः प्रार्थना पत्र के आधार पर अविलंब मुकदमा दर्ज कर आगे की विधिक कार्यवाही से न्यायालय को अवगत कराया जाय।
ज्ञात हो मृतक के पिता द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र के अनुसार अयोध्या मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की प्रताड़ना से प्रभुनाथ मिश्रा ने आत्महत्या की थी। उनका कहना है कि प्राचार्य ज्ञानेन्द्र कुमार ने फर्जी मुक़दमे में फ़साने को लेकर किया प्रभुनाथ को ब्लैकमेल किया था।
ज्ञात हो अयोध्या मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग पर कार्यरत प्रभुनाथ मिश्रा से MBBS की दो छात्राओं का पर्चा बनाने को लेकर 29 जुलाई को विवाद हुआ था। आरोप है कि विवाद के बाद प्राचार्य ने अपने चैम्बर में बुलाकर प्रभुनाथ को फर्जी मुक़दमे में फ़ंसाने को लेकर लगातार प्रताड़ित कर रहे थे फिर 7 अगस्त को प्रभुनाथ को प्राचार्य ने अपने कमरे में बुलाकर बेइज्जत किया नौकरी से बाहर निकालने की धमकी देते हुए कहा कि आज तुम्हारा आख़िरी दिन है आज तुम्हें जेल भिजवा दूँगा अन्यथा सार्वजनिक रूप से पैर पकड़ कर माफ़ी माँगो इस पर प्रभुनाथ ने मना कर दिया। आरोप है कि प्राचार्य इस बात का दबाव लगातार बनाते रहे जिससे आहत होकर प्रभुनाथ ने आत्महत्या कर ली थी।