-कर्मचारियों के मसलों पर आदेश होता है लेकिन उस पर अमल नहीं
सेहत टाइम्स
लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इम्प्लाईज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने कहा है कि प्रदेश सरकार पर अफसरशाही हावी है। खेद का विषय है कि स्वास्थ्य विभाग सहित कई महत्वपूर्ण विभागों में पदोन्नतियां, कैडर पुनर्गठन, वेतन विसंगतियां, सेवा नियमावलियां आदि पर निर्णय नहीं हो पाया है, जिससे कर्मचारी संगठनों में यह धारणा बन गयी है कि उनकी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। वास्तविकता भी है कि प्रदेश सरकार के मंत्री, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं विभागाध्यक्ष में से कोई कर्मचारी संगठनों से संवाद नहीं करते है, मिलते भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि अब संगठनों के ऊपर एक और समस्या आ गयी है कि कर्मचारी प्रातः 09 बजे कार्यालय में बायोमैट्रिक हाजिरी लगाते हैं और शाम को 06 बजे भी हाजिरी लगाकर घर जाते हैं। सरकार बताये कि कर्मचारी संगठनों कार्य कैसे करें।
उन्होंने कहा कि अगर परिवार का कोई सदस्य बीमार हो जाय तो उन्हें पहले हाजिरी लगाना होगा। वह अपने मरीज को कैसे इलाज करा सकता है। अगर इलाज कराने जायेगा तो उस दिन का वेतन काट दिया जायेगा। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रदेश सरकार कर्मचारी संगठनों को समाप्त करने की नीति पर चल रही है। ऐसा लगता है कि वह कर्मचारियों को गुलाम बना कर रखना चाहती है। श्री मिश्र ने कर्मचारियों से अपील है कि वे गुलामी चाहेंगे या आजादी। श्री मिश्र ने कहा कि आइटसोर्सिंग कर्मचारियों और निजी संस्थानों के कर्मचारियों की और बुरे हालात हैं।
श्री मिश्र ने बताया कि जहां भी एनडीए की सरकार हैं सभी जगह यही हाल है। सभी जगह आदेश होता है कि रिक्त पदों पर नियुक्तियों, पदोन्नतियां सहित सभी मांगों पर समयबद्ध निर्णय किया जाय, परन्तु यथा स्थिति बनी हुई है। श्री मिश्र ने प्रदेश सरकार से अपेक्षा है कि उसकी करनी-कथनी में फर्क नहीं होना चाहिए। इससे सरकार की छवि बनती-बिगड़ती है।