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पैदाइशी जुड़े हुए राम-श्‍याम को सर्जरी से किया अलग, एक लिवर को आधा-आधा बांटा

-केजीएमयू में हुई इस प्रकार की पहली सर्जरी, कुलपति ने टीम को किया सम्‍मानित

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में पीडियाट्रिक सर्जन डॉ जेडी रावत के नेतृत्‍व में टीम ने जन्म से जुड़े हुए बच्चों को सर्जरी से अलग कर केजीएमयू के इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया है। दोनों बच्चे सीने से नाभि के नीचे तक आपस में जुड़े हुए थे, इनका जन्म पिछले साल नवंबर में हुआ था।

इस उपलब्धि की जानकारी देने के लिए केजीएमयू में कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस सर्जरी का नेतृत्व करने वाले डॉ जे डी रावत भी उपस्थित रहे। केजीएमयू में पहली बार हुई इस नायाब उपलब्धि के लिए कुलपति ने सर्जरी करने वाली टीम को सम्मानित भी किया। सर्जरी के बारे में जानकारी देते हुए कुलपति ने बताया कि कुशीनगर की रहने वाले चंदन कन्‍नौजिया की पत्‍नी प्रियंका ने 6 नवंबर, 2019 को जुड़वा बच्‍चों को जन्‍म दिया। दोनों बच्चे जन्म के समय से ही आपस में जुड़े हुए थे। यह देख इनके माता-पिता को चिंता हुई और उन्‍होंने गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सम्‍पर्क किया तो वहां से बच्‍चों को केजीएमयू के लिए रेफर कर दिया गया।

दोनों बच्‍चों राम और श्‍याम को लेकर चंदन और प्रियंका केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में पहुंचे यहां पीडियाट्रिक सर्जन डॉक्टर जे डी रावत ने बच्चों को देखा और ट्रीटमेंट प्रारम्‍भ करते हुए सर्जरी के बारे में बच्‍चों के परिजनों को विस्‍तार से जानकारी दी, तथा उनकी काउंसलिंग की। इसके बाद बच्‍चों की आयु सर्जरी लायक होने तक इंतजार करने की बात कहकर दोनों को घर भेज दिया। घर जाने के बाद भी बच्‍चों के परिजन टेलीफोन पर सर्जन्‍स के सम्‍पर्क में बने रहे। इसके बाद कोविड काल आने के कारण सर्जरी को टालना पड़ा।

इस तरह जुड़े थे बच्‍चे (लाल घेरे में)

डॉ जेडी रावत ने बताया कि इसके बाद बीती 9 अक्‍टूबर को बच्चों को केजीएमयू बुलाकर एडमिट किया गया। इसके बाद इस कुलपति डॉ पुरी के निर्देशों और पीडियाट्रिक सर्जरी के विभागाध्‍यक्ष डॉ एसएन कुरील की देखरेख में विभिन्‍न विभागों के डॉक्‍टरों की एक टीम गठित की गयी। पहली बार हो रही इस प्रकार की सर्जरी बहुत चुनौतीपूर्ण थी। उन्‍होंने बताया कि सीटी स्‍कैन और एमआरआई से पता चला कि दोनों बच्‍चे थोरेक्‍स से शुरू होकर पेट के मध्‍य भाग तक पेरिकार्डियम, डायाफ्राम और लिवर सहित जुड़े हैं।

उन्‍होंने बताया कि जांचें पूरी होने के बाद 9 नवंबर को इनकी सर्जरी की तारीख तय हुई। सर्जरी से दो दिन पूर्व अभ्‍यास के लिए एक मॉक सर्जरी का आयोजन भी किया गया। सर्जरी वाले दिन प्रात: 6 बजे से ऑपरेशन थियेटर में तैयारियां शुरू कर दी गयी थीं, दोनों बच्‍चों को सांस लेने के लिए सांस का रास्‍ता साफ रखना एनेस्‍थीसिया टीम के लिए एक बड़ी चुनौती थी।

प्रात: 9 बजे सर्जन डॉ जेडी रावत, डॉ सुधीर सिंह और उनकी टीम ने सर्जरी प्रारम्‍भ की। सर्जरी के दौरान सीने की निचली हड्डी काट कर दोनों को अलग किया गया उन्होंने बताया दोनों के दिल अलग थे लेकिन उसको कवर करने वाली झिल्ली जिसे पेरिकार्डियम कहते हैं वह जुड़ी हुई थी इसे अलग किया गया। इन दोनों बच्चों के लिवर एक ही था ऐसे में लीवर को दो भाग में बांटकर अलग किया गया।

उन्होंने बताया लगभग 7 घंटे सर्जरी चली। इसके बाद दोनों बच्‍चों को पीडियाट्रिक आईसीयू में मैकेनिकल वेंटीलेटर पर रखा गया। डॉ रावत ने बताया कि एक बच्‍चा राम तो अगले दिन स्‍वस्‍थ होने की स्थिति में आ गया लेकिन श्‍याम को करीब 10 दिन वेंटीलेटर पर रखना पड़ा, दोनों बच्‍चे अब स्‍वस्‍थ हैं। अब उन्‍हें डिस्‍चार्ज किया जाना है। यह सर्जरी भारत सरकार की आयुष्‍मान भारत योजना के तहत की गयी। उनकी छुट्टी की जानी है।

सर्जरी में शामिल टीम

पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग

प्रोफेसर जेडी रावत, असिस्‍टेंट प्रोफेसर डॉ सुधीर सिंह, एमसीएच सीनियर रेजिडेंट डॉ गौरव शांडिल्य, सीनियर रेजिडेंट डॉ सर्वेश कुमार गुप्ता, एमसीएच सीनियर रेजिडेंट डॉ गुरमीत सिंह, सीनियर रेजिडेंट डॉ निरपेक्ष त्यागी

एनस्थीसियोलॉजी विभाग

प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ जीपी सिंह, प्रोफेसर विनीता सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सतीश वर्मा, सीनियर रेजिडेंट डॉ पंकज कटिहार, सीनियर रेजिडेंट डॉ अपूर्व गुप्ता, जूनियर रेजिडेंट-3 डॉ प्रिंस कुमार, जूनियर रेजिडेंट डॉ सफदर हाशमी, जूनियर रेजिडेंट-2 डॉ चैत्र श्रीनिवासन

सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग

डॉ विवेक गुप्ता एसोसिएट प्रोफेसर

सीटीवीएस विभाग

डॉ अम्‍बरीश कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर

प्लास्टिक सर्जरी विभाग

डॉ अभिजात सीनियर रेजिडेंट, डॉ हर्ष सीनियर रेजिडेंट

पीडियाट्रिक्स और पीआईसीयू विभाग

प्रोफ़ेसर और इंचार्ज पीआईसीयू डॉक्टर सिद्धार्थ कुंवर, प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ शैली अवस्थी, सीनियर रेजिडेंट डॉ आनंद वर्धन, सीनियर रेजिडेंट डॉ राजीव गुप्ता

रेडियो डायग्नोसिस विभाग

डॉ अनित परिहार, प्रोफेसर

पीडियाट्रिक सर्जरी ओटी की नर्स

सिस्टर इंचार्ज वन्दना, नर्सिंग स्टाफ संतोष, सुधा, दीपिका व अंजू