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बड़ी उपलब्धि : विश्व के शीर्ष 0.05 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में केजीएमयू के डॉ शैलेन्द्र सक्सेना अकेले भारतीय

-स्कॉलरजीपीएस ने जारी की 2024 के उच्च रैंक वाले 33 वैज्ञानिकों की सूची

सेहत टाइम्स

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू ने एक बार फिर विश्व में अपनी पताका फहरायी है। यहां के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च विभाग के प्रोफेसर एवं हेड डॉ शैलेन्द्र के सक्सेना को कोरोना वायरस पर उनके शोध व असाधारण शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए दुनिया भर के शीर्ष 0.05% विद्वान वैज्ञानिकों, जिनकी संख्या 33 है, में स्थान प्राप्त किया है, डॉ शैलेन्द्र भारत के इकलौते वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने इस सूची में स्थान प्राप्त करने का गौरव प्राप्त किया है। 33 विद्वानों की इस सूची में डॉ शैलेन्द्र के अतिरिक्त संयुक्त राज्य अमेरिका के 13, चीन के 3, इंडोनेशिया के 3, जापान के 3, ताइवान के 3, हांगकांग के 2, इटली के 2, नीदरलैंड के 1, सिंगापुर के 1 और यूनाइटेड किंगडम के 1 वैज्ञानिक शामिल हैं।

ज्ञात हो कैलिफोर्निया (यूएसए) स्थित कंपनी स्कॉलरजीपीएस अपनी शैक्षणिक रैंकिंग के लिए प्रसिद्ध है, स्कॉलरजीपीएस द्वारा दुनिया के उच्च रैंक वाले विद्वानों की सूची तैयार की जाती है, इसके तहत 2024 के उच्च रैंक वाले 33 विद्वानों की सूची जारी की गयी है, जिसमें 18वें स्थान पर डॉ शैलेन्द्र का नाम अंकित है। स्कॉलरजीपीएस ने यह घोषणा करते हुए डॉ शैलेन्द्र को बधाई दी है। यह प्रतिष्ठित उपाधि डॉ. सक्सेना के असाधारण प्रदर्शन को मान्यता देती है, जो कोरोनावायरस रोग के क्षेत्र में एकमात्र भारतीय हैं, और उनका काम दुनिया भर के शीर्ष 0.05% विद्वानों में स्थान पाता है।

आपको बता दें कि इस सूची को तैयार करने के लिए स्कॉलरजीपीएस ने जो पैमाना अपनाया है, उसके अनुसार विश्व के 3 बिलियन वैज्ञानिकों की मेरिट लिस्ट तैयार करके उसका आकलन किया, आकलन के तहत तीन बातों पर फोकस किया गया, पहली बात प्रकाशित शोध पत्रों की संख्या, दूसरी बात थी साइटेशन यानी आपकी प्रकाशित चीज को कितने लोगों ने पढ़ा तथा तीसरी बात शोध पेपर की क्वालिटी थी। इन तीनों कसौटियों पर परखते हुए 33 शीर्ष वैज्ञानिकों की सूची तैयार की गयी।

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