-“जय हैनिमैन, जय होम्योपैथी” के नारों के बीच मिला “इंटरनेशनल अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन होम्योपैथी”
-विश्व होम्योपैथी दिवस पर वर्ल्ड होम्योपैथी समिट 3 में इंग्लैंड के क्रिकेटर पूर्व कप्तान इयोन मोर्गन ने दिया अवॉर्ड
सेहत टाइम्स
लखनऊ। इंग्लैंड को अपना पहला ओडीआई विश्वकप जिताने वाले वाले अपने खेल से लोकप्रियता हासिल करने वाले इंग्लैंड के क्रिकेटर पूर्व कप्तान इयोन मोर्गन ने इम्पैथी, सिम्पैथी और होम्योपैथी से मरीजों का दिल जीतने वाले लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के डॉ पीके शुक्ला को “इंटरनेशनल अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन होम्योपैथी” सम्मान से पुरस्कृत किया है। डॉ शुक्ला को यह सम्मान होम्योपैथी के जनक डॉ सैमुअन हैनिमैन की जयंती पर उनकी जन्म स्थली फ्रैंकफर्ट, कोथेन (जर्मनी) में प्रदान किया गया।
विश्व को होम्योपैथी के रूप में चिकित्सा पद्धति का नायाब तोहफा देने वाले देश जर्मनी में 10 एवं 11 अप्रैल को ऐतिहासिक कार्यक्रम “वर्ल्ड होम्योपैथी समिट 3” का भव्य आयोजन किया गया। इस मौके पर इयोन मोर्गन ने कहा कि होम्योपैथी एक दिलचस्प चिकित्सा पद्धति है जिसका जन्म तो जर्मनी, यूरोप में हुआ लेकिन भारत में हो रहे निरंतर नवप्रवर्तन ने इस पद्धति को ऐसी दिशा दिखायी है कि यह आज विश्व भर में मरीजों द्वारा अपनाई जाने वाली प्राथमिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में स्थापित हो रही है।


इस भव्य समारोह में अमेरिका, ब्राजील, नीदरलैंड्स एवं जर्मनी के विश्व प्रसिद्ध चिकित्सकों ने अपनी मौजूदगी दर्ज करायी एवं कार्यक्रम में मौजूद युवा होम्योपैथिक चिकित्सकों से अपना अनुभव साझा कर उनका हौसला बढ़ाया।
इस कार्यक्रम के आयोजक बर्नेट होम्योपैथी प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी डॉ० नीतीश चंद्र दुबे ने इस अवसर पर जर्मनी आए दुनिया भर के सुप्रसिद्ध होम्योपैथी चिकित्सकों के साथ फ्रैंकफर्ट में होम्योपैथी परेड का आयोजन कर विश्व भर में होम्योपैथी की बढ़ती प्रसिद्धि का स्वागत करते हुए इसे और बढ़ाने का आह्वान किया।
“जय हैनिमैन, जय होम्योपैथी” के नारों की गूंज के बीच डॉ० पीके शुक्ला ने इस सम्मान को स्वीकार करते हुए कहा कि होम्योपैथी के जनक डॉ हैनिमैन की जयंती पर उनकी जन्मभूमि कोथेन की सरजमीं पर यह पुरस्कार पा कर उन्हें अत्यंत प्रसन्नता मिली है। उन्होंने कहा कि मुझे मिले ये सारे पुरस्कार एवं सम्मान मां होम्योपैथी के बदौलत हैं। उन्होंने कहा कि वर्षों से जो भरोसा उनके मरीजों ने मारुति होम्योपैथी क्लीनिक की ओर बनाए रखा है, वह उनको कर्म और निष्ठा के साथ मेहनत करने के लिए ईंधन का काम करता है। उन्होंने कहा कि उनको मिला आज का सम्मान भी पूर्व के सम्मानों की तरह वह अपने मरीजों को समर्पित करते हैं।
