Friday , November 22 2024

दो दिनी हड़ताल से पूर्व 14 फरवरी को प्रदेशव्‍यापी धरना देंगे स्‍वास्‍थ्‍य कर्मी

21-22 फरवरी को घोषित कर रखी है हड़ताल, आवश्‍यक सेवायें भी रहेंगी बाधित

फाइल फोटो

लखनऊ।| राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्‍तर प्रदेश के आह्वान पर 14 फरवरी को प्रदेश के समस्त जनपद मुख्यालयों पर धरने की घोषणा आज की गयी। ज्ञातव्य है कि 21 व 22 फरवरी को संयुक्त परिषद प्रदेश व्यापी हड़ताल का ऐलान पहले ही कर चुका है। इन दोनों दिनों में आवश्‍यक सेवाएं भी बाधित रहेंगी।

 

गिरीश चंद्र मिश्र, वरिष्ठ उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में संपन्न हुई राकसंप की हाई पावर कमेटी की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में संगठन प्रमुख केके सचान, महामंत्री अतुल मिश्रा, उपाध्यक्ष सुनील यादव, ज्ञान चतुर्वेदी, सर्वेश पाटिल, सचिव डा. पीके सिंह, सतीश यादव  उपस्थित रहे।

 

महामंत्री अतुल मिश्र ने हाईपावर कमेटी में आज लिये गये निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के हर जनपद मुख्यालय पर 14 फरवरी को होने वाले धरने में प्रांतीय स्तर के पदाधिकारी पर्यवेक्षक के रूप में नामित किये गये हैं जिनके पर्यवेक्षण में धरना संपन्न होगा एवं जिसकी रिपोर्ट पर्यवेक्षक द्वारा प्रांतीय अध्यक्ष व महामंत्री को प्रेषित की जायेगी।

 

महामंत्री ने बताया कि दोनों कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रांतीय पदाधिकारियों की 4 टीमों का गठन किया गया है जो 20 जनवरी से 14 फरवरी तक प्रत्येक जनपदों में भ्रमण कर जनजागरूकता अभियान चलायेंगे।

 

अतुल मिश्र ने बताया कि 8 अक्टूबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न मांगों पर लिये गये निर्णयों तथा फार्मेसिस्ट, एलटी, ऑप्टोमेट्रिस्ट, लेखा सहित अन्य संवर्गों की वेतन विसंगति रिपोर्ट पर कार्यान्वयन डेढ़ साल से लंबित है, इसके अलावा अनेक संवर्गों व संविदा एवं आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के हितों के लिए बनाई गई कमेटी की नियमित बैठक तक नहीं हो रही है।  इसके अलावा कर्मचारी कल्याण निगम से जीएसटी मुक्त सामान का निर्णय व एसीपी में अतिउत्तम की बाध्यता समाप्त करने का निर्णय भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है, तथा बार-बार आश्वासनों से आजिज आ चुके विभिन्न कर्मचारी संगठनों में व्यापक असंतोष पैदा हो गया है |जिससे कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र ने 14 फरवरी को प्रदेश भर के जनपद मुख्यालय में धरने व 21 व 22 फरवरी को प्रदेशव्यापी हड़ताल का निर्णय लेना पड़ा।