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सफल आईवीएफ से सुरक्षित प्रसव तक के पहलुओं पर होगा विचार

-दो दिवसीय सतत चिकित्‍सा शिक्षा कार्यक्रम में देशभर से विशेषज्ञों का जमावड़ा

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। बांझपन और हाई रिस्क प्रेगनेंसी पर दो दिवसीय सतत चिकित्‍सा शिक्षा (सीएमई) : फ्रॉम डेलिमा टू डिसीजन मेकिंग का उद्घाटन शनिवार 3 सितम्‍बर को यहां होटल क्‍लार्क्‍स अवध में हुआ। इस सीएमई की थीम है बांझपन और उच्‍च जोखिम वाली गर्भावस्‍था में निर्णय लेने में आने वाली कठिनाइयों का समाधान कैसे करें।

अजंता होप सोसाइटी ऑफ रिप्रोडक्शन एंड रिसर्च (एएचएचआर), अजंता हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर, लखनऊ, इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी व लॉग्‍स के संयुक्‍त तत्‍वावधान में आयोजित इस सीएमई में देशभर के करीब 250 चिकित्‍सक भाग ले रहे हैं।  

सीएमई में देश के नामचीन विशेषज्ञ इससे जुड़े पहलुओं पर विशेष और नयी जानकारियां साझा करेंगे, जिससे इस क्षेत्र में कार्य कर रहे चिकित्‍सकों को नि:संतान दम्‍पतियों को संतान सुख देने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के मदद मिलेगी।

इस मौके पर मंच पर विधायक डॉ नीरज बोरा, डीजी हेल्थ डॉ लिली सिंह, सिस्टर बीके राधा सहित अन्‍य अतिथि मौजूद थे। इस सीएमई में लगभग 15 आईवीएफ विशेषज्ञ विभिन्‍न विषयों पर संबोधित करेंगे। 

आईवीएफ विशेषज्ञ और निदेशक अजंता अस्पताल डॉ गीता खन्ना और मैनेजिंग डाइरेक्‍टर अजंता अस्‍पताल डॉ अनिल खन्ना सम्मेलन के आयोजक हैं। इस दो दिवसीय सीएमई में बांझपन के विभिन्न मुद्दों पर देश भर में विभिन्न आईवीएफ विशेषज्ञों द्वारा चिंतन मंथन किया जायेगा। इनमें आईवीएफ से गर्भधारण से लेकर सुरक्षित प्रसव तक के अनेक पहलुओं पर विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की जायेगी।

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