शहर का औसत एक्यूआई 352 रहा, प्रदूषण रोकने के लिए जिला प्रशासन ने जारी किये निर्देश
लखनऊ। राजधानी लखनऊ जबरदस्त वायु प्रदूषण की चपेट में है, गुरुवार को गोमती नगर में वायु प्रदूषण की सीमा बद्तर वाली स्थिति में पहुंच गयी, पूर्वान्ह 11 बजे यहां इस साल का सबसे ज्यादा प्रदूषण 497 रिकॉर्ड किया गया। लखनऊ का औसत एक्यूआर गुरुवार की शाम 4 बजे रिकॉर्ड किया गया जो कि 352 था। प्रदूषण की गंभीर होती स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने कुछ कदम उठाने के निर्देश दिये हैं।
मिली जानकारी के अनुसार गोमती नगर में बुधवार को एक्यूआई ने 400 का आंकड़ा पार कर लिया गुरुवार को भी यही स्थिति रही गुरुवार को गोमती नगर इलाके में हवा की सबसे खराब गुणवत्ता दर्ज की गई। पूर्वान्ह 11 बजे एक्यूआई 497 रिकॉर्ड किया गया जो कि इस साल लखनऊ का सबसे ज्यादा है। यह आंकड़ा आम तौर पर सर्वाधिक प्रदूषित रहने वाले औद्योगिक क्षेत्र तालकटोरा से भी खराब था। लखनऊ का औसत एक्यूआई शाम चार बजे 352 रिकॉर्ड किया गया।
इसके अलावा, तालकटोरा का AQI दिन के अधिकांश भाग के लिए ‘बहुत खराब’ रहा। गुरुवार को दोपहर लगभग 1 बजे क्षेत्र में अधिकतम 425 AQI दर्ज किया गया। अलीगंज और लालबाग क्षेत्र में AQI गोमती नगर और तालकटोरा से थोड़ा बेहतर था।
वायु प्रदूषण की इस घटिया स्थिति से लोगों को तकलीफ होने की भी खबर है, कई लोगों ने श्वास लेने में दिक्कत महसूस की तथा डॉक्टर से सम्पर्क किया, कई लोगों ने आंखों में जलन बतायी। देर शाम स्थिति यह हो गयी थी कि पुल के ऊपर घना स्मॉग होने से साफ नहीं दिख रहा था। दिन में भी धुंध साफ नजर आ रही थी।
विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण का कारण गोमती नगर इलाके में अत्यधिक वाहनों के आवागमन और निर्माण कार्य भी है वायु गुणवत्ता में कमी के प्राथमिक कारण हैं।
लखनऊ में बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए, लखनऊ शहर में मौजूद 13 वायु प्रदूषण इकाइयों को बंद करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही, 100 से अधिक भवन निर्माण इकाइयों को निर्माण सामग्री के साथ ढंकने, हरे रंग की जालियां लगाने, निर्माण सामग्री में उपयोग किए गए वाहनों को ढंकने और निर्माण स्थलों के आसपास पर्याप्त मात्रा में पानी का छिड़काव करने के निर्देश दिये गये हैं।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने लखनऊ के कलेक्ट्रेट सभागार में लखनऊ शहरी क्षेत्र में वायु प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव और सर्दियों के मौसम में संभावित वायु प्रदूषण और स्मॉग की समस्याओं को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लखनऊ में तैयार की कार्ययोजना पर समीक्षा बैठक की। बैठक में, जिला कलेक्टर लखनऊ ने नगर निगम, लखनऊ को नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत कचरा जलाने से रोकने के लिए कर्मियों की जिम्मेदारी निर्धारित करने का निर्देश दिया और कहा कि शहर के किसी भी क्षेत्र में कचरा जलने की स्थिति नहीं होनी चाहिए।
इसके साथ ही जिला आपूर्ति अधिकारी को शहर के भीतर संचालित होने वाले रेस्तरां, ढाबों और होटलों में लकड़ी और कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। जिला कृषि अधिकारी को कृषि अपशिष्ट जलाने से रोकने के लिए तहसील स्तर और ब्लॉक स्तर पर सख्त कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है।
यातायात विभाग, एक आदेश के अनुसार, यातायात की भीड़ को कम करने और पुराने वाहनों को बाहर निकालने के लिए एक अभियान आयोजित करने के लिए कहा गया है। नगर क्षेत्र में स्थित उद्योगों को अपने उत्सर्जन की जांच करने के लिए भी कहा गया है। अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों को सात दिनों की समय सीमा दी गई है।