-केजीएमयू कॉलेज ऑफ नर्सिंग में आयोजित हुआ 9वां वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन
सेहत टाइम्स
लखनऊ। नर्सिंग प्रोफेशन में भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की महत्वपूर्ण भूमिका है , लेकिन यह भूमिका एक सहायक की तरह ही है, यह नर्सेज का पूरक नहीं है। यह बात आज यहां किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ नर्सिंग में आयोजित 9वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन में कही गयी। इस सम्मेलन का विषय “गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस : नर्सिंग प्रैक्टिस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत” था।
सम्मेलन की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर अपजीत कौर ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि अच्छी क्लीनिकल प्रैक्टिस के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए।
एमिटी सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के निदेशक प्रो. एम.के. गुप्ता ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक प्रभावशाली विज्ञान है , उन्होंने एआई के इतिहास और वर्तमान और भविष्य के युग में इसके महत्व पर चर्चा की। केजीएमयू के नर्सिंग संकाय की डीन प्रो. पुनिता मानिक ने कहा कि आईसीयू में मानक के अनुरूप रोगी की देखभाल में साथ नर्सिंग अभ्यास में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का सर्वोत्तम उपयोग किया जा सकता है। केजीएमयू कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य डॉ. रश्मी पी. जॉन ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
समारोह में डॉ. हिमांशु पांडे, सहायक प्रोफेसर, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय, डॉ. पूनम जोशी, प्रोफेसर सह प्राचार्य, कॉलेज ऑफ नर्सिंग, एम्स, कल्याणी, डॉ. मुथुवेंकटचलम एस. एसोसिएट प्रोफेसर, कॉलेज ऑफ नर्सिंग, एम्स, मंगलगिरि, डॉ. रजनी पीटर, प्रोफेसर सह प्रिंसिपल, कॉलेज ऑफ नर्सिंग, एम्स, नागपुर और डॉ. एन. नीतू देवी, नर्सिंग सलाहकार, यूपीएसएमएफ ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किये।
सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के विभिन्न नर्सिंग कॉलेजों के नर्सिंग छात्रों, नर्सिंग अधिकारियों, नर्सिंग संकायों और पीएचडी विद्वानों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। प्रतिभागियों द्वारा फीडबैक, समापन सत्र और प्रमाणपत्र वितरण के बाद वैज्ञानिक पेपर प्रस्तुति की गई। आयोजन सचिव डॉ. सूचना रॉय भौमिक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।