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दो सिजेरियन के बाद 11.5 किलो का ट्यूमर निकालने के लिए डॉक्‍टरों ने लगायी यह तरकीब

संजय गांधी पीजीआई में पहली बार इतना बड़ा ट्यूमर निकाला गया, महिला को मिली नयी जिन्‍दगी

लखनऊ। यहां स्थित संजय गांधी पीजीआई में डॉक्‍टरों ने 50 वर्षीय महिला के पेट से साढ़े ग्‍यारह किलो (11 किलो 500 ग्राम) का ट्यूमर निकाल कर उसे नयी जिन्‍दगी दी है। पिछले 10 महीने से महिला दर्द और सूजन से परेशान थी, साथ ही उसे सांस लेने में भी दिक्‍कत हो रही थी। दो घंटे की सर्जरी के बाद निकाले गये ट्यूमर को पीजीआई में निकाला गया सबसे बड़ा ट्यूमर बताया जा रहा है।

 

मिली जानकारी के अनुसार बिहार की रहने वाली 50 वर्षीय महिला पिछले 10 माह से पेट में दर्द और सूजन से परेशान थी, लगातार सूजन बढ़ने से महिला न तो बैठ पाती थी और न ही चल पा रही थी। करीब दो सप्‍ताह पूर्व महिला ने यहां संजय गांधी के जनरल हॉस्पिटल में डॉ अंजू रानी को दिखाया। डॉ अंजूरानी के अनुसार जब जांच की गयी तो देखा गया कि बच्‍चेदानी के बायें अंडाशय में ट्यूमर है, बढ़ता हुआ ट्यूमर डायफ्राम पर दबाव डाल रहा था इसलिए उसे सांस लेने में भी दिक्‍कत हो रही थी।

 

डॉ अंजूरानी के अनुसार महिला के दो बच्‍चे हैं और दोनों ही सिजेरियन हुए थे इस कारण ट्यूमर की सर्जरी के लिए उसका पेट खोलने में भी समस्‍या आ रही थी। फि‍र तय किया गया कि शिशु की डिलीवरी के समय जहां से पेट खोला गया था, उसी स्‍थान को फि‍र से खोला जाये। इसमें सफलता मिली और बुधवार को करीब दो घंटे के ऑपरेशन के बाद साढ़े ग्‍यारह किलो का ट्यूमर निकाला गया, इसी के साथ बच्‍चेदानी भी निकाल दी गयी।

 

डॉक्‍टर भी आश्‍चर्यचकित हैं कि आखिर ट्यूमर इतना बड़ा कैसे हो गया इसलिए जांच के साथ ही निकाले गये ट्यूमर पर रिसर्च की जायेगी जिससे इसका कारण पता चल सके। डॉ अंजूरानी के अनुसार अगर पेट में सूजन हो और दवा खाने के बावजूद बढ़ती जाये, और उस स्‍थान पर कड़ापन लगे तो इसे नजरअंदाज न करें, किसी प्रशिक्षि‍त चिकित्‍सक को दिखाकर उसकी राय अवश्‍य ले लें।

 

जिस टीम ने ऑपरेशन किया उसमें डॉ अंजू रानी के अलावा डॉ दीपा कपूर, डॉ शालिनी अग्रवाल, डॉ प्रिया सिंह के साथ ही ऐनेस्‍थीसिया की डॉ आरती और डॉ आकांक्षा शामिल रहीं।