-चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने इसे केजीएमयू के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि बताया
-चार एएलएस एम्बुलेंस मिलने के साथ ही 16 लोगों को मृतक आश्रित कोटे से नौकरी का पत्र भी सौंपा गया

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में अंततः बर्न यूनिट का इंतजार समाप्त हुआ। करीब 24 साल पूर्व की गयी बर्न यूनिट की परिकल्पना साकार हुई। मंगलवार 5 जनवरी को इसका औपचारिक लोकार्पण कर दिया गया। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा बर्न एवं रिकंस्ट्रक्टिव यूनिट के साथ ही 4 ए एल एस एंबुलेंस वाहनों का भी शुभारंभ किया गया, इसके अतिरिक्त मृतक आश्रित सेवा नियमावली के अंतर्गत 16 व्यक्तियों को नियुक्ति भी प्रदान की गई।
केजीएमयू के मीडिया प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस मौके पर ब्राउन हॉल में आयोजित समारोह में सुरेश खन्ना ने कहा कि बर्न एवं रिकंस्ट्रक्टिव यूनिट केजीएमयू के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि केजीएमयू को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए जो भी आवश्यकताएं होंगी उन्हें उनकी पूर्ति उत्तर प्रदेश सरकार करेगी।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बताया कि केजीएमयू में राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधीन रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष एवं केन्द्र सरकार तथा केन्द्र सहायतित योजना नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एण्ड मैनेजमेन्ट ऑफ बर्न इन्जरीज तथा भारत सरकार के उपक्रम एनटीपीसी के सीएसआर ग्रान्ट के सहयोग से लगभग 2254.08 लाख रूपये की लागत से स्थापित यह ‘‘बर्न एवं रि-कंस्ट्रक्टिव यूनिट’’ न केवल उत्तर प्रदेश अपितु सम्पूर्ण उत्तर भारतीयों के लिए उपयोगी साबित होगी। कुल 65 बिस्तरों की क्षमता वाले इस अति विशिष्टता केन्द्र में 8 आईसीयू बेड, 8 एमपीयू बेड, 28 बर्न बेड, 2 प्राइवेट कक्ष, 10 बिस्तरों का एक डिजास्टर वार्ड, 3 बिस्तरों का ट्राई एज, 2 बिस्तरों का ड्रेसिंग रूम एवं 4 अत्याधुनिक ऑपरेशन थियेटर की सुविधा उपलब्ध होगी।
इस मौके पर कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी ने कहा कि यह यूनिट किसी दुर्घटना आदि में व्यक्ति के जलने से उत्पन्न समस्याओं के लिए वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा विशेष योगदान दिया गया है। उन्होंने इस परियोजना के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना की दूरदर्शिता व कुशल मार्गदर्शन तथा सहयोग के लिए आभार जताया।

समारोह के अंत में प्रति कुलपति प्रोफेसर विनीत शर्मा द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव रखा गया। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे तथा यहां पूर्व में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष रह चुके डॉक्टर एके सिंह जो वर्तमान में अटल बिहारी वाजपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति के साथ ही डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक का पदभार भी संभाल रहे हैं, भी उपस्थित रहे। जानकार बताते हैं कि करीब 24 साल पूर्व 1997 से बर्न यूनिट खोले जाने की परिकल्पना करते हुए इस ओर प्रयास शुरू किये गये थे।

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