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500 करोड़ की लागत से एसजीपीजीआई में बनेगा एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर

-विभिन्‍न प्रकार के अत्‍याधुनिक इलाज की सुविधा वाला यूपी का पहला सेंटर होगा


सेहत टाइम्‍स
लखनऊ ।
बच्‍चों की चिकित्‍सा के क्षेत्र में उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शनिवार को संजय गांधी पीजीआई लखनऊ को एक बड़ा तोहफा दिया। मुख्‍यमंत्री ने 500 करोड़ की लागत से बनने वाले एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर की घोषणा की गई। इस प्रकार के पीडियाट्रिक केंद्र पूरे देश में केवल तीन या चार प्रदेशों में ही हैं, और यह केन्द्र बच्चों की चिकित्सा और उपचार के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश राज्य के लिए एक वरदान साबित होगा।

इस एडवांस पीडियाटिक सेंटर में एक ही छत के नीचे 22 विभाग और सेवाएं प्रदान की जाएंगी जिसमें नवजात शिशुओं के लिए न्यूनेटालाजी सेंटर , लिवर और पाचन तंत्र के लिए पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएनोलोजी, हारमोंस और डायबिटीज की समस्या के लिए पीडियाट्रिक एंडॉक्रिनलॉजी, पीडियाट्रिक आईसीयू और इमरजेंसी, पीडियाटिक जेनेटिक्स, पीडियाटिक इम्यनोलाजी, पीडियाटिक कार्डियोलॉजी, पीडियाटिक नेफ्रोलॉजी व पीडियाटिक न्यूरोलॉजी शामिल हैं।
उन्‍होंने कहा कि हमारे राज्य में जनसंख्या का 40% उन लोगों का है जो 0 से 18 वर्ष की आयु के हैं। उनके विकास के लिए सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाओं की महती आवश्यकता है। इसमें एक ही छत के नीचे बच्चों के लिए आवश्यक सभी विभागों की परिकल्पना की गई है, जो बच्चों को समग्र चिकित्सा प्रदान कर सकें।
इस केंद्र पर सर्जरी के क्षेत्र में पीडियाट्रिक यूरोलॉजी, पेडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स, पीडियाट्रिक न्यूरोसर्जरी शामिल है। इस केंद्र में नवीन सुविधाएं जैसे पीडियाट्रिक सायकेट्री, पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स व डेवलपमेंटल पीडियाट्रिक्स शामिल हैं। इस सेंटर में 18 वार्ड, 13 आईसीयू और हाइ डिपेन्डेन्सी यूनिट, 14 ऑपरेशन थिएटर होंगे। साथ ही फिजियोथैरेपी और पुनर्वास केंद्र होगा। इसमे बच्चों की ओपीडी, Diagnostic block के साथ बच्चों के लिए खेलने के स्थान और नर्सरी का भी प्रावधान होगा।
इन विभागों के लिए डीएम एमसीएच और पीडीसीसी कोर्सेज को भी शुरू किया जाएगा जिससे उत्तर प्रदेश और देश को प्रशिक्षित मानव संसाधन मिल सके। न केवल प्रशिक्षित चिकित्सकों अपितु प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ , आहार विशेषज्ञ, फिजियोथेरेपिस्ट भी होगे। वार्ड में भर्ती के समय बच्चे आपस मे बच्चों से मिल सकेंगे। वे बच्चों के वार्ड में ही भर्ती होंगे, उनके आसपास खिलौने होंगे, सुंदर कमरे होंगे। बच्चों को उनके अनुसार ही स्वादिष्ट और पोषक भोजन प्रदान किया जाएगा और उनके आसपास का वातावरण अत्यंत ही मित्रवत होगा।

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