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बिना नीट परीक्षा दिये एम्‍स ऋषिकेश में हो गया पीजी में प्रवेश!  

-चयन सूची बनाने में हुई है घोर लापरवाही, यूपी स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री से गुहार
-प्रांतीय चिकित्‍सा सेवा संघ उत्‍तर प्रदेश ने लगाये गंभीर आरोप, जांच की मांग

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। जिन चिकित्‍सकों ने नीट की परीक्षा नहीं दी उन्‍हें भी उत्‍तराखंड स्थित एम्‍स ऋषिकेश में स्‍नातकोत्‍तर अध्‍ययन के लिए दे दिया गया है, इसके अलावा वरिष्‍ठता का खयाल न रखकर भी चहेतों का नाम चयनित सूची में आ गया है। चयन सूची मनमानी तरीके से तैयार की गयी है, बिना किसी मानक एवं नियमों को प्रख्यापित किये बिना ही ये सूची जारी कर दी गयी एवं इस में घोर अनियमतायें की गईं हैं। चयन सूची को रद करते हुए इसकी जांच कराने की मांग प्रांतीय चिकित्‍सा सेवा संघ उत्‍तर प्रदेश ने की है।

पीएमएस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सचिन वैश्‍य व महामंत्री डॉ अमित सिंह ने इस संबंध में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री को पत्र लिखा है। नेताद्वय ने बताया कि दिसंबर 2019 में हरिद्वार-ऋषिकेश एम्स में स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए उत्तर प्रदेश के चिकित्सकों के लिए सर्कुलर जारी किया गया था। उन्‍होंने बताया कि प्रदेश के कई जनपदों से प्राप्त सूचना के आधार पर संघ के संज्ञान में जो बिंदु लाये गये हैं, उनसे ऐसा लग रहा है कि इस अध्ययन के लिए अभ्‍यर्थियों का चयन करते समय पारदर्शिता का पालन नहीं किया गया है।

उनका आरोप है कि स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर से किसी भी जनपद में इस अध्ययन के लिए आवेदन प्राप्त करने के लिए न तो कोई सूचना प्रेषित की गई, और न ही किसी नियंत्रक अधिकारी को सूचित किया गया। यह भी कहना है कि ऐसे चिकित्सा अधिकारी जो इन नीट एग्जाम में सम्मिलित ही नहीं हुए थे उनका चयन किया गया है इसके अलावा ऐसे चिकित्सा अधिकारी जिनकी सेवा में योगदान अवधि अत्यंत अल्प काल की है उनका भी चयन हो गया है साथ ही चयन करते समय वरिष्ठा का भी ध्यान नहीं दिया गया है।

दोनों नेताओं ने आरोप लगाया है कि चयन की पूरी प्रक्रिया इतनी गोपनीय है कि कई सूचियों के निकलने तथा अनेक संशोधनों के उपरांत भी अब तक किसी भी स्तर पर ज्ञात नहीं हो पा रहा है कि कुल कितने अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था तथा चयनित अभ्यर्थियों का चयन किस मेरिट के आधार पर किया गया है। दोनों नेताओं ने कहा है कि चयन के लिए की गई प्रक्रिया से प्रदेश के सभी चिकित्‍सक अत्यंत आहत एवं आक्रोशित है। उन्‍होंने मांग की है कि इन तथ्यों को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए आवश्यक जांच कराएं तथा चयन सूची को तत्काल निरस्त करते हुए पारदर्शी प्रक्रिया का पालन करते हुए चयन के लिए निर्धारित मानकों को स्थापित करते हुए नए सिरे से चयन प्रक्रिया के लिए दिशा निर्देश दिये जाने चाहिये।