लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दवाओं की खरीद में विलम्ब पर नाराजगी दिखाते हुए स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने अधिकारियों को चेतावनी दी है, साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई निर्णय लिये हैं। इसके तहत अब दवाओं और चिकित्सकीय उपकरणों की खरीद के लिए कॉरपोरेशन गठित होगा। उन्होंने सभी मंडल मुख्यालय के जिला चिकित्सालयों में मरीजों को एमआरआई जांच की सुविधा शीघ्र उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये हैें। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा है कि आमजन को बेहतर एवं नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए केन्द्र सरकार से सहयोग लिया जाएगा।
सभी मंडल मुख्यालयों पर एमआरआई की सुविधा के निर्देश
श्री सिंह आज यहां विकास भवन में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी चिकित्सालयों में मरीजों को नि:शुल्क एवं बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। वर्तमान में दवाओं और उपकरणों की खरीद में काफी विलम्ब हो रहा है, इससे जहां मरीजों को समय से दवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है। उन्होंने अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि इस व्यवस्था में तत्काल सुधार किया जाए, अन्यथा संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने वर्तमान में दवाओं एवं उपकरणों की खरीद के लिए वर्तमान व्यवस्था को तत्काल समाप्त करने के भी निर्देश दिए हैं।
बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के लिए केंद्र से मदद लेंगे : स्वास्थ्य मंत्री
श्री सिंह ने कहा कि आमजन को बेहतर एवं नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए केन्द्र सरकार से सहयोग लिया जाएगा। आगामी 7 अप्रैल को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ के साथ बैठक कर उन्हें समस्त बिन्दुओं से अवगत कराया जाएगा, ताकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं को प्रदेश में और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। उन्होंने दवाओं एवं चिकित्सकीय उपकरणों के क्रय में विलम्ब पर असंतोष प्रकट किया। साथ ही प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अरुण कुमार सिन्हा को दवाओं एवं उपकरणों की खरीद में पारदर्शिता हेतु कॉरपोरेशन के गठन के निर्देश दिए हैं।
मोबाइल मेडिकल यूनिट के तत्काल संचालन के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री ने मोबाइल मेडिकल यूनिट के तत्काल संचालन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस यूनिट के प्रभावी संचालन हेतु चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। कैम्प लगाकर नागरिकों को आवश्यक दवाएं एवं जांच की सुविधा मौके पर ही मुहैया कराई जाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने जनपद लखीमपुर एवं सीतापुर में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत सिफ्सा द्वारा संचालित की जाने वाली प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा के प्रेजेंटेशन का भी अवलोकन किया। इस प्रोजेक्ट के तहत सभी नागरिकों का असंक्रमण बीमारी से बचाव हेतु आवश्यक जांच एवं हेल्थ कार्ड बनाने की योजना है। उन्होंने निर्देश दिए कि तत्काल इस योजना को पायलेट प्रोजेक्ट के तहत लागू किया जाए। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश के शहरी क्षेत्र में स्थित मलिन बस्तियों में राज्य सरकार द्वारा संचालित क्लीनिकों से सुचारु संचालन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन क्लीनिकों पर दवाओं की उपलब्धता के साथ ही आवश्यक जांच की सुविधा सुनिश्चित की जाए।
इस अवसर पर सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य वी हेकाली झिमोमी, निदेशक, उप्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन आलोक कुमार, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. पद्माकर सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।