स्टाफ का शौचालय प्रयोग करने को लेकर बढ़ी कहासुनी
संविदा पर कार्यरत तीनों कर्मचारियों को सेवा से हटाया
कर्मचारी तैनात करने वाली कम्पनी को भी दी चेतावनी
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय (केजीएमयू) के न्यू ओपीडी के कैंसर विभाग में गुरूवार को चलने में असमर्थ एक कैंसर पीड़ित बुजुर्ग महिला और उसके पुत्र के साथ कर्मचारियों ने मारपीट की, इसकी वजह मात्र इतनी थी कि चलने-फिरने में लाचार महिला मरीज ने कर्मचारियों वाला शौचालय प्रयोग कर लिया था। स्टाफ शौचालय का प्रयोग करने पर वहां मौजूद कर्मचारियों ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उसके पुत्र द्वारा मना करने पर कर्मचारियों ने उसे और मरीज को बुरी तरह से मारा-पीटा।
आपको बता दें कि आज ही केजीएमयू में आयोजित कार्यक्रम मे पहुंचे चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने मरीज और उनके तीमारदारों के प्रति अच्छा व्यवहार करने की सलाह चिकित्सकों को दी थी, लेकिन चिकित्सक तो नहीं कर्मचारियों ने मंत्री की इस मंशा पर पानी फेरते हुए मारपीट को अंजाम दे दिया।
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद तुरंत एक्शन में आये केजीएमयू प्रशासन ने संविदा पर कार्यरत मारपीट करने वाले तीनों कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया। साथ ही इस बारे में पुलिस को सूचना देने के साथ ही कर्मचारियों को संविदा पर नौकरी रखने वाली एजेंसी को भी पत्र लिखकर इन कर्मचारियों को केजीएमयू में कहीं भी तैनात न किये जाने की बात कही।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक लखनऊ के काकोरी निवासी मरीज कान्ति देवी पत्नी स्व. सीताराम काकोरी काफी समय से कैंसर रोग से पीड़ित हैं। अपने इलाज कराने के लिए वह अपने बेटे के साथ न्यू ओपीडी में आयी थी। वह चलने में असमर्थ हैं जिसकी वजह से उन्होंने स्टाफ के शौचालय का प्रयोग कर लिया।
बेटे का आरोप था कि मां के शौचालय जाने के बाद कर्मचारी अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। जब उन्हें इसके लिए मना किया तो वह मारपीट पर ऊतारू हो गए और मुझे और मेरी मां के साथ जमकर हाथापाई की हालांकि उन्होंने इस संबन्ध में केजीएमयू प्रशासन या पुलिस चौकी पर कोई इसकी कोई शिकायत नहीं की।
इस घटना के दौरान मौजूद कुछ लोगों ने मारपीट का वीडियो बनाया और इसे तुरंत वायरल कर दिया। वायरल होने के बाद केजीएमयू प्रशासन ने मामले को तत्काल संज्ञान में लिया और पीड़िता और उसके पुत्र के साथ मारपीट करने वाले कर्मचारियों की पहचान कर ली।
केजीएमयू चीफ प्रॉक्टर आर एस कुशवाहा ने कहा कि अस्पताल में इस तरह की घटना निश्चित रूप से निंदनीय है। अस्पताल में मरीज अपना इलाज कराने आता है और उसके साथ अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा मारपीट करना बेहद गलत है।
चीफ प्रॉक्टर ने बताया कि मारपीट करने वाले तीनों कर्मचारी लॉयल टेच सर्विस मैनेजमेंट सर्विस के तहत ओपीडी में कम्प्यूटर ऑपरेटर पद पर तैनात थे। जो काउंटर पर मरीजों का रजिस्टेशन करते थे। तीनों की पहचान जितेश कुमार, जीत सिंह और नवीन कुमार के रूप में हुई है। इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। कार्यदायी संस्था को यह भी कहा गया है कि इन्हें केजीएमयू परिसर में कहीं भी तैनाती नहीं होनी चाहिए नहीं तो संस्था के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।