प्रमुख सचिव ने संस्थान पहुंचकर की बैठक, शासन के सकारात्मक निर्णय के बारे में दी जानकारी
प्रक्रिया पूरी होने के लिए 31 जनवरी तक का समय मांगा, हड़ताल न किये जाने की अपेक्षा जतायी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआई में आज दिन भर काफी गहमा-गहमी रही। इसकी वजह संजय गांधी पीजीआई में सोमवार 28 जनवरी से कर्मचारियों की प्रस्तावित हड़ताल है। शासन-प्रशासन की तरफ से आज भी दिनभर बैठकों का दौर चलता रहा। शाम को पीजीआई प्रशासन की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि एसजीपीजीआई के कार्मिकों को सातवें वेतन आयोग के भत्ते अनुमन्य कर दिये गये हैं। इसके साथ ही जारी विज्ञप्ति के माध्यम से कर्मचारियों से 28 जनवरी से प्रस्तावित कार्य बहिष्कार वापस लेने की आशा जतायी गयी है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एसजीपीजीआई डॉ अमित कुमार अग्रवाल की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि आज संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे की अध्यक्षता में एक बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में अध्यक्ष एवं महामंत्री फैकेल्टी फोरम एसजीपीजीआई तथा संजय गांधी पीजीआई कर्मचारी महासंघ के कोर कमेटी के सदस्य (गैर संकाय) उपस्थित थे। इनके अलावा इस बैठक में निदेशक, एसजीपीजीआई प्रोफेसर राकेश कपूर, एवं अपर निदेशक एसजीपीजीआई जयंत नार्लीकर भी उपस्थित थे।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा द्वारा यह सूचित किया गया कि संस्थान के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के समतुल्य अनुमन्य भत्तों को दिए जाने का विनिश्चय उच्च स्तर पर किया गया है तथा 31 जनवरी 2019 तक इस संदर्भ में शासनादेश नियमानुसार निर्गत किया जाना प्रक्रियाधीन है।
विज्ञप्ति के अनुसार प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं निदेशक एसजीपीजीआई ने कर्मचारियों से अपेक्षा की है कि वे अपने तथाकथित कार्य बहिष्कार के कार्यक्रम को निरस्त करते हुए पूर्व की भांति अपने कर्तव्यों का सुचारु रूप से निर्वहन करें।

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