लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ योगी की सरकार की कार्यशैली का असर प्रशासनिक अधिकारियों में दिखना शुरू हो गया है लेकिन अफसोस की बात यह है कि अभी नीचे स्तर तक इसका असर कम से कम से वीवीआईपी अस्पताल कहे जाने वाले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) हॉस्पिटल में नहीं दिख रहा है। बीती रात को अस्पताल के निदेशक ने जब यहां अचानक पहुंचकर जांच की तो इमरजेंसी से लेकर वार्डों तक में डॉक्टर्स, नर्सें और सफाई कर्मचारी सोते हुए मिले। नाराज निदेशक ने सोये हुए कर्मचारियों को जगाकर जमकर फटकार लगाते हुए पुनरावृत्ति होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी।
सिविल अस्पताल के निदेशक ने किया रात में औचक निरीक्षण
निदेशक डॉ.एचएस दानू बीती रात यानी 29~30 की रात को औचक निरीक्षण को निकल पडे़, अस्पताल में इमरजेंसी समेत वार्डो में स्टाफ नर्स व सफाई कर्मचारियों को गहरी नींद में पाकर दंग रह गये, उन्होंने 3.45 से 5.30 बजे तक अधिकांश वार्डो में न केवल स्टाफ नर्स व कर्मचारियों को जगाकर फटकार लगाई बल्कि मरीज के इलाज में बरती जा रही लापरवाही की पुनरावृत्ति होने की दशा में सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
लापरवाही का शिकार दिखे मरीज, गंदगी भी भरपूर
निदेशक ने पुरानी बिल्डिंग से निरीक्षण की शुरुआत की, मेडिसिन व ऑर्थोपैडिक वार्डो को उन्होंने वार्ड ब्वॉय को नींद से उठाकर खुलवाया। निदेशक ने वहां मरीजों के इलाज में लापरवाही पायी, उन्होंने देखा कि किसी मरीज में खाली बोतल लटकी थी लेकिन विगो बंद नहीं थे। किसी में विगो निकल चुका था, वार्डों में गंदगी फैली थी। इन वार्डो में स्टाफ नर्स अपने कमरों में सो रहीं थी। डॉ.सिह ने नर्सेस को नींद से उठाया और जमकर लताड़ लगाई, सख्त लहजे में कहा कि दोबारा नींद में मिलीं तो दंडात्मक कार्रवाई अवश्य की जायेगी। सफाई कर्मचारियों के साथ ही उनके सुपरवाइजर को भी जगाकर, व्याप्त गंदगी को लेकर फटकार लगाई और तत्काल सफाई कराने के साथ ही रोजाना सुबह ओपीडी शुरू होने के पहले पूरे अस्पताल साफ होने के निर्देश भी दिये। निदेशक ने इसके बाद सर्जरी विभाग के वार्डो का भी दौरा किया, कमोवेश यही हाल सर्जरी के वार्डो में भी देखने को मिला। इसके बाद वह इमरजेंसी वार्ड पहुंचे, जहां एक ही डॉक्टर द्वारा मरीजों का इलाज किया जा रहा था, जबकि दूसरे डॉक्टर कमरें में नींद का मजा ले रहे थे। निदेशक ने उन्हें भी ड्यूटी के दौरान मुस्तैद रहने की सलाह दी।
रात की पाली खत्म होने के सफाई के निर्देश
डॉ. सिंह के औचक निरीक्षण और सफाई कर्मचारियों को सक्रिय करने का परिणाम था कि गुरुवार सुबह ओपीडी शुरू होने के पहले ही पूरा अस्पताल साफ सुथरा हो चुका था। डॉ.सिंह ने सफाई सुपरवाइजर को रोस्टर उपलब्ध कराया, जिसके तहत रोजाना समय से सफाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि नर्सेस को निर्देश हो चुके हैं, कि रात में मरीजों की बोतल खत्म होते ही बोतल को निकाल दे, सुबह इंजेक्शन आदि समय पर लगना सुनिश्चित करे ताकि सुबह की सफाई के दौरान रात का वेस्टज पूर्णतया बाहर हो जाये।
खून का नमूना देने के लिए अब इलेक्ट्रॉनिक टोकन
डॉ. दानू ने बताया कि खून की जांच के लिए मरीजों को अब दो जगह लाइन नहीं लगानी पडेग़ी। इसके लिए अस्पताल में डिजिटल ऑटोमैटिक टोकन मशीन लगाई गई है। गुरुवार को ट्रायल हुआ है, शुक्रवार को पूरे सिस्टम में लागू कर दिया जायेगा। उक्त सुविधा में, मरीज द्वारा प्रेस करने पर ही टोकन नंबर की स्लीप मिल जायेगी, नंबर आने पर सैंपल लेने के लिए पैथोलॉजी से कॉल की जायेगी।